कोल्ड अटैक: हार्ट और ब्रेन से जुड़ी बीमारी के मरीज बढ़े, बीपी या शुगर पेशेंट को सतर्क रहने की सलाह

Cold Attack: Patients with heart and brain diseases increase, BP or sugar patients are advised to be cautious
कोल्ड अटैक: हार्ट और ब्रेन से जुड़ी बीमारी के मरीज बढ़े, बीपी या शुगर पेशेंट को सतर्क रहने की सलाह
बालाघाट कोल्ड अटैक: हार्ट और ब्रेन से जुड़ी बीमारी के मरीज बढ़े, बीपी या शुगर पेशेंट को सतर्क रहने की सलाह

 डिजिटल डेस्क, बालाघाट।जिले में ठंड का अटैक जारी है। जनवरी बीत जाने के बाद भी ठंड से राहत न मिलने के कारण ये मौसम अब बीमारी का कारण बन रहा है। एक तरफ वायरल फीवर, खांसी, जुकाम के मरीजों से ओपीडी भरी है, वहीं ठंड बढऩे से हृदय तथा मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी के मरीज भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में रोजाना एक से दो मरीज हार्ट अटैक, हार्ट पेन, ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं, निजी अस्पतालों में भी ये आंकड़ा बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के कहर के बीच ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीजों तथा बुजुर्गांे को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में मरीज को समय पर इलाज मिलने से उनके सेहत में सुधार भी हो रहा है। 
जिले में पर्याप्त हैं चिकित्सक
जानकारी के अनुसार, हार्ट से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए बालाघाट शहर सहित जिलेभर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक उपलब्ध हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में मरीज को गोंदिया, नागपुर या अन्य शहर रेफर करना पड़ रहा है, लेकिन ज्यादातर केसेस जिले में भी बेहतर उपचार मिलने से सुलझ रहे हैं। जिला अस्पताल में एमडी मेडिसिन हार्ट के तीन तथा निजी क्षेत्र में करीब 15 चिकित्सक उपलब्ध हैं।
क्यों होती है बीमारी
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएम शरणागत के अनुसार, उनके पास रोजाना लगभग पांच मरीज हार्ट तथा ब्रेन से संबंधित बीमारी के आ रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक की परेशानी वाले मरीजों में अत्यधिक ठंड के कारण दिमाग की नसें सिकुडऩे लगती हैं, जिससे उन्हें लकवा होने की संभावना रहती है। वहीं, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सीएस चतुरमोहता के अनुसार, बीपी की शिकायत वाले मरीजों में हार्ट अट्रैक या अन्य बीमारी होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे मरीजों को समय पर इलाज की जरूरत होती है। इलाज में थोड़ी भी देरी या लापरवाही घातक साबित हो सकती है।
जिला अस्पताल में रोज पहुंच रहे मरीज
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक लिल्हारे ने बताया कि जिला अस्पताल में रोजाना एक से दो हार्ट तथा ब्रेन से संबंधित बीमारी के मरीज पहुंच रहे हैं। कई सालों बाद ऐसा हुआ है, जब जनवरी खत्म होने के बाद भी ठंड का प्रकोप जारी है। ठंड से राहत नहीं मिलने और पुरानी बीमारी से ग्रसित होने के कारण कई लोग हार्ट तथा ब्रेन से जुड़ी बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
इधर, दिनभर चली सर्द हवा
इधर, शनिवार को भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली। दिनभर कड़ी धूप रहने के बाद भी लोग गर्म कपड़े पहने दिखे। शनिवार को दिनभर सर्द हवाओं ने लोगों को परेशान किया। अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम 7 डिग्री दर्ज किया गया है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण अंचलों में भी ठंड का प्रकोप देखने मिल रहा है, जहां लोग अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की जुगत कर रहे हैं।  
इन बातों का रखें ध्यान
- ठंड कम होने तक मॉर्निंग वॉक पर न जाएं 
- अधिक और गुनगुना पानी पीते रहें 
- शाम को घर से न निकलें
- बीपी के मरीज हैं तो नियमित दवाइयां लें
- ब्रेन या हार्ट में जरा भी तकलीफ हो, इलाज कराएं, देर न करें
- घर पर भी गर्म कपड़े पहने रहें, कान को ढककर रखें
इनका कहना है
सामान्यत: ठंड में हार्ट तथा ब्रेन के रोगी बढ़ते हैं लेकिन इस बार ठंड की समयावधि लंबी है, इसलिए ऐसे रोगी अब और भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें समय पर इलाज की जरूरत होती है। 
डॉ. सीएस चतुरमोहता, हृदय रोग विशेषज्ञ
मैं रोजाना हार्ट अटैक, सीने में दर्द, ब्लॉकेज से जुड़े करीब दो से तीन मरीज   देख रहा हूं। ऐसे मरीजों को ठंड से बचाव के साथ अपने खानपान में भी बदलाव करने की जरूरत है। 
डॉ. भजन लिल्हारे, एमबीबीएस एमडी, चेस्ट

Created On :   29 Jan 2022 6:54 PM IST

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