हद दर्जे की अव्यवस्था: पौन घंटे तक लगा रहा भीषण जाम

Chaos of the extreme degree: Heavy traffic jam continued for five and a half hours
हद दर्जे की अव्यवस्था: पौन घंटे तक लगा रहा भीषण जाम
बालाघाट हद दर्जे की अव्यवस्था: पौन घंटे तक लगा रहा भीषण जाम

डिजिटल जेस्क ,बालाघाट.  । बालाघाट-गोंदिया नेशनल हाइवें रेलवें क्रासिंग सरेखा चौक पर हर घंटे लगते भीषण जाम से जनता कराह रही है। रोजाना ही करीब एक दर्जन मालगाड़ी का आना-जाना जारी रहता है ऐसी स्थिति में फाटक बंद होते ही दोनो छोर वाहनों का जमावड़ा लग जाता है। मंगलवार को दोपहर 12 बजे के दौरान गोंदिया से बालाघाट की ओर आने वाले मालगाड़ी के चलते सवा घंटे तक जाम लगा रहा। जाम में फंसने से लोगों को बेहद ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। करीब 1 किमी के दायरे तक सरेखा से कोसमी और सरेखा चौक से हनुमान चौराहें तक जाम की स्थिति बनी रही। मौके पर तैनात पुलिस जवानों द्वारा कड़ी मशक्कत कर व्यवस्था सुचारु बनाई गई। इसी प्रकार अपरान्ह 4 बजे के दौरान भी कुछ इसी प्रकार का नजारा देखने को मिला। ट्रेन के आने और जाने के दौरान ट्रक वाहनों, यात्री बसों एवं ट्रैक्टर के चलते भी काफी हद तक व्यवस्था बिगड़ जाती है। 
सरेखा चौराहें का बायपास मार्ग दे रहा हादसे का न्योता
इधर दूसरी तरफ रोजाना लगते भीषण जाम पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक तौर पर अब तक किसी प्रकार के सकारात्मक कदम नही उठाए जा सके है। हैरानी की बात तो यह है कि उक्त मार्ग पर सुबह लेकर देररात्रि तक यातायात का दबाव बना रहता है फिर भी जिम्मेदारों द्वारा शहर की ट्रेफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए कोई प्रयास नही किए जा रहे है। इस मार्ग से बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों का भी आना-जाना जारी रहता है जो भीषण जाम में साइकिल चलाते हुए फसे देखे जा सकते है। उक्त मार्ग पर ट्रको के जमावड़े के कारण भी लोगों का हादसे का भय बना रहता है। 
सेंटर पाइंट है यह मार्ग, इसी रुंट से गुरजती है जनता
बालाघाट-गोंदिया नेशनल हाइवें मार्ग शहर का सेंटर पाइंट मार्ग है। जिले के किरनापुर, लांजी, परसवाड़ा, रजेगांव समेत अन्य तहसील क्षेत्र के लोगों का इसी मार्ग से आना-जाना होता है। सुबह से लेकर देर राति तक  बड़ी संख्या में लोग गुरजते है, इसके अलावा छग ओर महाराष्ट्र राज्य  के लिए भी मालवाहक वाहन, यात्री बसों का भी परिवहन होता है, लेकिन समय-बे समय रेल फाटक बंद रहने के कारण उन्हें घंटो तक इंतजार करना पड़ता है।
जनता पूछ रही सवाल, सामने आने से क्यों बच रहे जिम्मेदार 
रोजाना भीषण जाम से तंग आ चुकी जनता अब जिम्मेदारों से यह सवाल पूछ रही है कि मप्र सरकार द्वारा पिछले बजट सत्र में सरेखा रेलवे क्रासिंग समेत बालाघाट में अन्य दो और वारासिवनी मे एक फ्लाईओवर निर्माण की स्वीकृति मिली है लेकिन साल भर का वक्त गुजर रहा है फिर भी बजट लाने में जिम्मेदारों की नाकामी अब जनता को रास नही आ रही है। लोगों का कहना रहा कि जनता के बीच आने से जिम्मेदार बच रहे और जनता से नजरे चुराकर प्रदेश के अन्य शहरों में दौरा करने में लगे हुए है।
भटेरा चौकी में भी कुछ इसी प्रकार का नजारा 
शहर के भटेरा चौकी क्षेत्र में भी कुछ इसी प्रकार का नजारा देखने को मिल रहा है। पिछले 15 साल पर नजर दौड़ाई जाए तो बालाघाट विस का विकास सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहा है। शहर में ऐसा कोई भी काम नही है जिस पर जनता को नाज हो और जनता फक्र से यह कह सके की यह भाऊ की देन है। 
नही मिला बजट तो करेगें उग्र आंदोलन 
बालाघाट के जिम्मेदारों की नाकामी पर सवाल उठाते हुए ब्राडगेज संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूपसिंह बैस का कहना रहा ब्रांसस द्वारा लंबे समय से फ्लाईओवर की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे है लेकिन माननीयों में इच्छाशक्ति की कमी के चलते स्वीकृति के साल भर बाद भी बजट नही मिल पाया है। उन्होने कहा यदि समय रहते फ्लाईओवर निर्माण के लिए बजट नही मिला और काम शुरु नही हुआ तो जनता के साथ मिलकर सड़क से लेकर सदन तक उग्र आंदोलन करने बाध्य होना पड़ेगा।

Created On :   23 Feb 2022 10:55 AM IST

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