दक्षिण सामान्य वन मंडल में चूम नामक श्वान निभा रहा अहम भूमिका

A dog named Chum is playing an important role in the South General Forest Division.
दक्षिण सामान्य वन मंडल में चूम नामक श्वान निभा रहा अहम भूमिका
 बालाघाट दक्षिण सामान्य वन मंडल में चूम नामक श्वान निभा रहा अहम भूमिका

डिजिटल डेस्क,  बालाघाट।बीते कुछ सालों में जिले के वन क्षेत्रों में वन्यप्राणियों के शिकार के मामलों में इजाफा हुआ है। शिकार के कई मामलों में वन अधिकारियों, कर्मचारियों तथा उडऩदस्ते की मुस्तैदी ने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन शिकारियों तक पहुंचने में एक जीव ऐसा भी है, जो आरोपियों की पहचान करने में मददगार साबित हो रहा है। लगभग जिले में तीन साल पहले बने डॉग स्क्वॉड में शामिल चूम नामक नर श्वान इन दिनों वन विभाग के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। एक साल में तीन बड़ी घटनाओं में चूम श्वान ने आरोपियों की पहचान की है। 21 मार्च को दक्षिण सामान्य वनमंडल अंतर्गत ग्राम रट्टा के नाले के पास जमीन में दफन बाघ के हत्यारों तक पहुंचने में चूम ने अहम कार्य किया था, लेकिन करीब 5 हजार स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले बालाघाट वन परिक्षेत्र के लिए बने डॉग स्क्वॉड में सिर्फ चूम ही इकलौता श्वान है, जो दक्षिण सामान्य वनमंडल में कार्य कर रहा है। शिकार के बढ़ते मामलों के आधार पर डॉग स्क्वॉड में श्वानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता विभाग भी महसूस कर रहा है।
बल्ली सूंघकर आरोपियों तक पहुंचा चूम
विभागीय जानकारी के अनुसार, ग्राम रट्टा में शूकर के शिकार के लिए बिछाए गए करंट में बाघ के फंसने के बाद आरोपियों ने मजबूत बल्ली में बाघ के शव को फंसाकर नाले के पास लाया था। शव दफनाने के बाद जल्बाजी में आरोपी बल्ली वहीं छोड़ गए। जांच के दौरान चूम डॉग बल्ली में शामिल आरोपियों तथा शव की गंध सूंघते हुए दो आरोपियों के घर तक पहुंचा। दोनों ने जुर्म कबूल किया और अन्य दो आरोपियों के नाम भी बताए, जिन्हें उडऩदस्ते की मदद से गिरफ्तार किया गया।
कुर्थीटोला बीट के मामलों में निभाया रोल
पिछले साल दिसंबर माह के सात दिनों में ही विभाग के पास शिकार के 8 प्रकरण आए थे, जिसमें 4 प्रकरणों में चूम श्वान ने सुराग दिलाने के साथ संदिग्धों व आरोपियों तक पहुंचाने में मदद की। इसमें द.सा.व.मं. के कुर्थीटोला बीट में बाघ के शिकार मामले में चूम ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कराया, तो इसी बीट में तेंदुए के शिकार मामले में 5 आरोपियों की पहचान की।
नॉर्थ डिवीजन में भी हो श्वान 
विभागीय अधिकारी-कर्मचारी भी मानते हैं कि इतने बड़े फॉरेस्ट सर्किल के लिए डॉग स्क्वॉड में कम से कम उत्तर सामान्य वनमंडल व कान्हा जोन (बालाघाट सर्किल) के लिए एक-एक श्वान होना चाहिए, ताकि विशेष मामलों में शिकारियों, संदिग्धों का सुराग लगाने अथवा वन्यप्राणियों का शिकार करने से पहले ही शिकारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। विभागीय तौर पर आने वाले दिनों में इसकी मांग की जा सकती है। 
समय-समय पर मिलती है ट्रेनिंग
फॉरेस्ट रेंजर धर्मेंद्र बिसेन ने बताया गया कि स्क्वॉड में शामिल की पूरी ट्रेनिंग भदभदा रोड स्थित श्वान प्रशिक्षण केंद्र में हुई है। इसके अलावा हर तीन व छह महीने में कान्हा, पेंच, पन्ना तथा सतपुड़ा ट्राइगर रिजर्व में होने वाले डॉग ट्रेनिंग प्रोग्राम में श्वानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। बालाघाट पुलिस लाइन स्थित वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय परिसर में बने श्वान कक्ष में चूम को रखा जाता है, जिसकी समय-समय पर सेहत, भोजन आदि की कड़ी निगरानी रखी जाती है।   
फैक्ट फाइल
- 5 हजार स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला बालाघाट वन परिक्षेत्र
- उत्तर, दक्षिण, लामटा प्रोजेक्ट तथा कान्हा संभाग में बंटा है संपूर्ण क्षेत्र
- 1600 से 1650 स्क्वायर किमी में फैला है उत्तर सामान्य वनमंडल
- 1800 से 1850 स्क्वायर किमी में फैला है दक्षिण सामान्य वनमंडल
- दक्षिण वनमंडल में 207 तो उत्तर में हैं 165 बीट
इनका कहना है
पिछले एक साल में ही स्क्वॉड के चूम नामक श्वान ने तीन वन अपराध प्रकरणों के आरोपियों को पकड़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। उसकी अच्छी देखभाल के साथ उचित ट्रेनिंग दी जाती है। आने वाले दिनों में जरूरत पडऩे पर स्क्वॉड में श्वान की संख्या बढ़ाई जाएगी। विशेष वन अपराध के मामलों के अन्वेषण के लिए श्वान बढ़ाना उचित होगा।   
नरेंद्र कुमार सनोडिया, सीसीएफ, बालाघाट

Created On :   24 March 2022 6:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story