67% बच्चों का टीकाकरण हुआ पर अभी ,अब तक गरीब बच्चों को नहीं लगी वैक्सीन

67% of children were vaccinated but till now poor children have not got the vaccine
67% बच्चों का टीकाकरण हुआ पर अभी ,अब तक गरीब बच्चों को नहीं लगी वैक्सीन
बालाघाट 67% बच्चों का टीकाकरण हुआ पर अभी ,अब तक गरीब बच्चों को नहीं लगी वैक्सीन

 डिजिटल डेस्क बालाघाट केंद्र सरकार द्वारा 3 जनवरी 2022 से शुरू किए गए 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण में जिले ने महज 14 दिन के भीतर 67 फीसदी का आंकड़ा प्राप्त कर लिया है। जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में टीकाकरण सत्र आयोजित कर स्कूली बच्चों को कोवैक्सीन का पहला डोज लगाया जा रहा है ताकि बच्चों का कोरोना संक्रमण का बचाव हो सके, लेकिन विभाग द्वारा उन बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं, जो होटल, चौपाटी, मोटर गैराज, चाय की टपरी में मजबूरीवश मजदूरी करते हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से कई बच्चों को तो उनकी उम्र के बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं है। जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट के प्रावधानों के तहत हम बाल श्रमिकों के नाम, (परिवर्तित नाम भी) तथा उनकी तस्वीर प्रकाशित नहीं कर रहे हैं।
हैरानी: नहीं पता टीकाकरण भी हो रहा है
स्कूली बच्चों के टीकाकरण के दौरान विभागीय तथा प्रशासनिक स्तर पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया गया था कि कोरोना से बचाव के लिए अब बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन हैरानी की बात है कि बालाघाट शहर के चौक-चौराहों पर लगने वालीं दुकानों में काम करने वाले बाल श्रमिकों इस टीकाकरण के बारे में ही कोई जानकारी नहीं है। पूछने पर पता चला कि उन्हें न तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही स्वास्थ्य टीम ने उनसे टीका लगवाने संपर्क किया है।
चिंता: कम हो रहा रुझान, हैं कई कारण
कल यानी 16 जनवरी को कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को पूरे एक साल हो जाएंगे। इस दौरान इस कार्यक्रम में कई बार उतार-चढ़ाव देखने मिले। कभी केंद्रों में हितग्राहियों की बेकाबू भीड़ दिखी तो कभी सन्नाटा भी। एक दौर ऐसा भी आया कि लोग टीकाकरण नाम सुनकर ही खौफजदा हो जाते थे। वर्तमान में लोगों में डर तो नहीं लेकिन दिलचस्पी कम हो रही है। अभी भी जिले में दूसरा डोज लगवाने वाले हितग्राही शेष हैं, जो केंद्र तक नहीं पहुंच रहे। इसके पीछे घटता रुझान, मौसम, किसानी कार्य, ओमिक्रॉन का जानलेवा नहीं होना आदि कारण हैं, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि वैरिएंट कोई भी वैक्सीनेशन सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।
गफलत: शासन से मिला लक्ष्य स्पष्ट नहीं
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग को जिले में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए एक लाख 16 हजार हितग्राहियों को टीके लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जबकि विभाग के शाला में पढऩे तथा नहीं पढऩे वाले बच्चों की संख्या करीब 15 हजार है। बच्चों को लगने वाले टीके में गफलत के कारण विभाग भी संशय में है। हालांकि, विभाग फिलहाल प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। 
बदलाव: पोलियो टीकाकरण अब 27 फरवरी से
जिले में कोविड वैक्सीनेशन के अलावा 0 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए पोलियो टीकाकरण अभियान भी शुरू किया जाएगा। पूर्व में उक्त कार्यक्रम इसी महीने 23 जनवरी से शुरू किया जाना था, लेकिन इसमें बदलाव किया गया है। अब जिले में 27 फरवरी से पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू होगा, जो तीन दिनों तक चलेगा। इस दौरान कोविड टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित रखा जाएगा। 
रिपोर्ट: 14 लोग मिले संक्रमित
गुरुवार को प्राप्त रिपोर्ट में जिले के 14 मरीजों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आये हैं। पूर्व में कोरोना पॉजिटिव आए 6 मरीजों के ठीक हो जाने पर 13 जनवरी को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर अब 52 हो गई है। इन सभी मरीजों का होम आईसोलेशन में उपचार किया जा रहा है। जिले में अब तक कुल 9187 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 9065 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 
इनका कहना है
ऐसे बच्चे जो स्कूल छोड़ चुके हैं या दुकानों में काम करते हैं, उन्हें चिन्हित कर टीका लगाया जा रहा है। इसी काम में और तेजी लाई जाएगी। इसके लिए उनसे न सिर्फ संपर्क किया जाएगा बल्कि उनके कार्यस्थल पर जाकर टीम वैक्सीन लगाएगी। 
डॉ. परेश उपलप, जिला टीकाकरण अधिकारी, बालाघाट

Created On :   14 Jan 2022 5:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story