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29 किसान नहीं बेच पाए 900 क्विंटल उपज, कम दाम में बचेनी पड़ेगी धान, होगा नुकसान
डिजिटल डेस्क लांजी, बालाघाट। जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बढ़ाई गई तिथि भी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन जानकारी के अनुसार, इस सीजन में जिलेभर के करीब एक हजार किसान अपनी उपज बेचने से वंचित रह गए हैं। इसकी बड़ी वजह है, किसानों को मिलने वाले एसएमएस की गफलत। जिले के लांजी तहसील के ग्राम कारंजा सोसाइटी के 29 किसान अपनी उपज नहीं बिकने से परेशान हैं। किसानों ने बताया कि बैंक प्रबंधन की गलती और एसएमएस की गड़बड़ी के कारण वे दो महीने में अपनी धान नहीं बेच पाए। अब उन्हें पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव से दूसरी जगह धान बेचकर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे न ही उन्हें अपनी उपज का वाजिब दाम मिलेगा और न ही महीनों तक कड़ी मेहनत का।
समय पर भेज दी थी किसानों की सूची
जानकारी के अनुसार, धान खरीदी की पूर्व में निर्धारित 15 जनवरी तक कारंजा केंद्र के 29 किसानों से धान खरीदी शेष रह गई थी। जिसे लेकर खरीदी केंद्र के प्रभारी धरमलाल लिल्हारे ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, शाखा-साडरा को इन सभी किसानों की जानकारी समय सीमा पर भेज दी। इसके बाद बैंक द्वारा जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए शासन को शेष किसानों की धान की खरीदी की अनुमति करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। तब ऐसे करीब 6 हजार किसानों से खरीदी नहीं होने पर जिले में धान खरीदी की तिथि 20 जनवरी तक बढ़ाई गई, जो अब समाप्त हो चुकी है, लेकिन ग्राम कारंजा के 29 किसान धान बेचने से वंचित रह गये हैं।
पहले जल्दी मिला एसएमएस, फिर मिला ही नहीं
ग्राम कारंजा के किसानों ने एसएमएस मिलने में गड़बड़ी के बारे में बताया कि उन्हें जब पहला एसएमएस प्राप्त हुआ था, तब खरीदी केंद्र में धान खरीदी प्रारंभ नहीं हुई थी। वहीं, कुछ किसानों का कहना रहा कि उन्हें जब एसएमएम प्राप्त हुए तो उनकी गहानी नहीं हुई थी। ऐसे में उनके द्वारा दूसरे एसएमएस का इंतजार किया जा रहा था, लेकिन पूर्व निर्धारित समय नजदीक आने के चलते किसानों द्वारा 15 जनवरी के पूर्व अपनी उपज खरीदी केंद्र में लाकर रख दी गई, लेकिन दूसरा एसएमएस नहीं मिलने के कारण दो दर्जन से अधिक किसान धान बिक्री करने से वंचित रह गए। बताया गया कि बैंक प्रशासन द्वारा जिला कलेक्टर के माध्यम से नया प्रस्ताव भेजा जाना बताया गया है।
इस बार खरीदी में आईं कई अड़चनें
जानकारी के अनुसार, पिछले कई सालों से जिले में नवंबर मध्य से धान खरीदी प्रारंभ हो जाती थी, लेकिन इस बार नवंबर के अंतिम सप्ताह से धान खरीदी प्रारंभ की गई। इस दौरान बे-मौसम बारिश, ओलावृष्टि और छुट्टियों के कारण किसानों को धान बेचने के मिल कम ही दिन मिल सके। एसएमएस और बारदानों की दिक्कत से इस बार धान खरीदी में कई अड़चनें आईं। जिसका सीधा असर सैकड़ों किसानों पर पड़ा है। जानकारी के अनुसार, कारंजा के 29 किसानों का लगभग 900 क्विंटल धान का तौल नहीं हो पाया है।
ये किसान हुए प्रभावित
उपज बेचने से वंचित रहने वाले किसानों में हिरेन्द्र बिसरूलाल, बालकदास चरणदास, गजानन मिताराम, सत्यवती नरेश, मोहनलाल रामप्रसाद, दुर्गाबाई सुखदेव, रयमोती चमरू, कुवेंद्र टीकारराम, भागवत बलीराम, राजकुमार पांडूरंग, सरस्वता भैयालाल, किशोरी राजकुमार, प्रेमलाल गोबरधन, कृष्णराव आसाराम, झनकलाल रामाजी, जामबती मोडकू, तिलकचंद तुरसीराम, शिवशंकर पुनादास, टीकाराम मोतीलाल, चमरूलाल कोदू, गोपाल रामलाल, सुरेश श्यामलाल, योगेश आसाराम, सुरतदास मंगलदास, श्यामसुंदर शत्रुघ्न, पुरनलाल हीवलाल, सूरजलाल बारिक, उमादास मन्नुलाल और सुखराम तुलाराम शामिल हैं।
इनका कहना है
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने जिले के वंचित किसानों की सूची दी थी, उसी आधार पर राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी की गई है। इसके बाद भी जिन किसानों से उपज नहीं खरीदी गई है, उसे लेकर शासन को पत्र भेजा गया है। अनुमति मिलने पर वंचित किसानों को लाभ दिया जाएगा।
देवेंद्र यादव, जिला विपणन अधिकारी
Created On :   23 Jan 2022 11:00 PM IST