भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण संपन्न

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण संपन्न
  • मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम आनलाईन और आफलाईन मोड पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
  • 750 कृषि वैज्ञानिक, छात्र, उद्यमी एवं किसानो ने वर्कशॉप में भाग लिया।
  • कार्यशाला में विदेश के प्रतिभागियो की भागीदारी विशेष रही।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा तीन दिवसीय मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम आनलाईन और आफलाईन मोड पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यशाला में विदेश के प्रतिभागियो की भागीदारी विशेष रही। वर्कशॉप में 22 राज्य सम्मिलित हुए। साथ ही लगभग 750 कृषि वैज्ञानिक, छात्र, उद्यमी एवं किसानो ने वर्कशॉप में भाग लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विजय सिंह, विषय विशेषज्ञ डॉ एम पी ठाकुर, डायरेक्टर इंस्ट्रक्शन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़, डॉ आर के बंसल डायरेक्टर जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी जयपुर, डॉ. एच. एस. गोस्वामी, संचालक ओमकार लाइफ केयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ग्वालियर, डॉ अजय कुमार जायसवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर संगम यूनिवर्सिटी भीलवाड़ा राजस्थान, डॉ शमशेर आलम, प्रोग्राम असिस्टेंट केवीके मेनपाट सरगुजा छत्तीसगढ़, डॉ पूजा दुबे पांडे, डायरेक्टर, बेटी इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, श्री प्रवीण वर्मा, डायरेक्टर मशरूम फार्मिंग मनुपरा ग्रोअप फाउंडेशन झांसी उत्तर प्रदेश, श्री रोहित रावत, डायरेक्टर हरि लाइफ साइंसेज भोपाल, सुश्री आकांक्षा कश्यप, हेड अकेडमी हरि लाइफ साइंसेज भोपाल, आरएनटीयू कृषि विभाग के डीन और कार्यक्रम कन्वीनर डॉ. हर दयाल वर्मा, को-कन्वीनर डॉ ए के वर्मा, एसोसिएट डीन, कोऑर्डिनेटर डॉ एम के धाकड़ और श्री महेश कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर एग्रीकल्चर आरएनटीयू विशेष रूप से उपस्थित थे। सभी प्रतिभागियो ने मशरुम उत्पादन में प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।


कार्यक्रम में उपस्थित बतौर मुख्य वक्ताओं ने बताया कि मशरुम मुख्य रूप से हमारे भोजन शामिल है, जो कि प्रोटीन का स्त्रोत है। मशरुम उत्पादन की महत्ता एवं उसके भारत में उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी विद्यार्थियों से साझा की। उन्होंने खाने योग्य मशरुम और जहरीले मशरुम के बारे में भी जानकारी दी। मशरूम का चिकित्सा के क्षेत्र में क्या क्या उपयोगिता है की जानकारी भी साझा की। उन्होंने आगे मशरुम उत्पादन मॉडल के रख रखाव और तैयार करने कि विभिन्न विधियों की विस्तृत जानकारी दी।


कार्यक्रम के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. विजय सिंह, कुलसचिव, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि कैसे मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण में ट्रेनिंग लेकर अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सकते है और एक अछे उद्यमी बन सकते हैं। वहीं कार्यक्रम के तृतीय दिवस के समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. संगीता जौहरी, प्रति कुलपति के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में छात्र- छात्राऔ को सर्टिफिकेट वितरित किये गए।

Created On :   15 April 2024 2:10 PM IST

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