World Menstrual Hygiene Day: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल विभाग द्वारा आयोजित विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर कार्यशाला संपन्न

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल विभाग द्वारा आयोजित विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर कार्यशाला संपन्न
  • इस कार्यशाला का उद्देश्य कॉलेज के छात्रों में मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना था।
  • "मासिक धर्म स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा और गरिमा को भी प्रभावित करता है। - डॉ. अविनाश सिंह

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल विज्ञान विभाग में द्वारा विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कॉलेज के छात्रों में मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मुस्कान जैन‌, सहायक प्रोफेसर डॉ. मेघा सिंह, आईसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटी के डीन डॉ सी.पी. मिश्रा फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंस की डीन डॉ. मनीषा गुप्ता, विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर पैरामेडिकल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश सिंह ने स्वागत भाषण में मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और इस विषय पर खुलकर चर्चा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "मासिक धर्म स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा और गरिमा को भी प्रभावित करता है। हमें इस विषय पर खुलकर बात करनी चाहिए और समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर करना चाहिए।" वहीं डॉ. मनीषा गुप्ता ने छात्रों को उनके भविष्य के लिए प्रेरित किया और उन्हें समाज की सेवा करने का महत्व बताया। वहीं डॉ. सी.पी. मिश्रा जी ने भी अपने संबोधन में कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना ही मुख्य उद्देश्य है।

कार्यशाला के पहले सत्र में डॉ. मुस्कान जैन ने मासिक धर्म स्वच्छता पर एक खुलकन चर्चा करते हुए छात्रों को मासिक धर्म के दौरान अपनाई जाने वाली स्वच्छता प्रथाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मासिक धर्म के दौरान स्वस्थ रहने के उपायों पर भी प्रकाश डाला और इससे जुड़ी विभिन्न मिथकों और तथ्यों को स्पष्ट किया।

दूसरे सत्र में डॉ. मेघा सिंह ने मासिक धर्म कप के उपयोग, लाभ और इसके पर्यावरणीय प्रभावों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म कप एक सुरक्षित, प्रभावी और पर्यावरण मित्र विकल्प है, जो महिलाओं को अधिक स्वच्छता और सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों को मासिक धर्म कप के सही उपयोग और इसे साफ रखने के तरीकों के बारे में भी जागरूक किया। कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए और डॉ. जैन और डॉ. सिंह से विभिन्न प्रश्न पूछे। छात्रों ने इस प्रकार की कार्यशालाओं की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से न केवल उन्हें जानकारी हुई, बल्कि उन्हें समाज में इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित भी किया गया।

कार्यशाला के अंत में डॉ. रीता आर्या ने सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों को भी उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों, वक्ताओं और छात्रों ने कार्यशाला की सराहना की और इसे सफल बनाने में अपना योगदान दिया। यह कार्यशाला छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक अनुभव साबित हुई।

Created On :   1 Jun 2024 10:10 AM GMT

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