सतपुड़ा भवन में लगी आग,कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जले,कांग्रेस ने उठाए सवाल

सतपुड़ा भवन में लगी आग,कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जले,कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित सतपुड़ा भवन के स्‍वास्‍थ्‍य संचालनालय कार्यालय में आग लगने से कई दस्‍तावेज जलकर खाक हो गए। बता दें सतपुड़ा भवन की जिस मंजिल पर आग लगी है इस मंजिल पर स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय संचालित होता है। जानकारी के मुताबिक शाम में करीब चार बजे आग लगी जिसकी सूचना तुरंत अग्निशमक दल को दिया गया। सूचना मिलने पर अग्निशमन दल का दस्ता मौके पर पंहुच गया था। आग लगने से अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेजों के जलने की बात भी कही जा रही है। आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आग लगने से इलाके में अफरातफरी का माहौल भी निर्मित हो गया था। इलाके में धुएं का गुबार भी तेजी से फैल गया था। मौके पर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ ही मौके पर दमकल का दस्ता पंहुच गया हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक एक साल पहले ही इस ऑफिस को रेनोवेट कराया गया था। शुरुआती जानकारी के अनुसार आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी।

प्रारंभिक तौर पर कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने आग बुझाने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो पाए जिसके बाद भवन की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने दमकल को सूचना दी। सूचना मिलने पर आधा दर्जन दमकलों के साथ नगर निगम और पुलिस का अमला पहुंचा। आग लगने के बाद पूरा सतपुड़ा भवन खाली करा लिया गया। हजारों की संख्या में कर्मचारी भवन के बाहर जमा हुए।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

भवन पर लगी आग को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने उन्होंने ट्वीट किया कि प्रियंका गांधी जी ने जबलपुर में "विजय शंखनाद रैली" में घोटालों को लेकर हमला बोला तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई। इसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई है। कहीं आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साज़िश तो नहीं। यह आग मप्र में बदलाव के संकेत दे रही है।

2018 में भी लगी थी आग

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि संचालनालय में आग लगी हो। इससे पहले भी 14 दिसंबर 2018 को भी सतपुड़ा भवन में भीषण आल लगी थी। तब भी कई गोपनीय दस्तावेज जलकर खाक हुए थे।

उस समय प्रदेश में चुनाव हुए थे और कांग्रेस जीतकर सरकार बनाई थी। बता दें 17 दिसंबर को कमल नाथ को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेनी थी, इससे तीन दिन पहले 14 दिसंबर 2018 को आल लगने से कई दस्तावेज खाक हो गए थे। तब संचालनालय में आग लगने के समय पर कई तरह के सवाल उठाए गए थे।

Created On :   12 Jun 2023 12:22 PM GMT

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