सेवा, सुशासन से गरीब कल्याण: प्रदेश के गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने का प्रयास, सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार की प्रतिबद्धता

प्रदेश के गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने का प्रयास, सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार की प्रतिबद्धता
  • प्रदेश के गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने का प्रयास
  • सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार की प्रतिबद्धता

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश ने पिछले छह माहों के सुशासन के प्रयासों से यह जाहिर कर दिया है कि गरीबी पर ठोस प्रहार कर गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाया जायेगा। इसके लिए जरूरी है कि उन परिवारों को नागरिक सेवाओं के पहुंच के दायरे में लाया जाये। उनकी आर्थिक क्षमता बढ़ाई जाये। उनके लिए सूक्ष्म स्तर पर आर्थिक गतिविधियों की श्रंखला चलाई जाये।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार ने प्रतिबद्धता जाहिर की है। सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास तथा सबका प्रयास का नारा वंचितों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों की आधारशिला बन गया है। ज़रूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायता दी जा रही है।

गरीब कल्याण: संकल्प से सिद्धी की ओर

गरीब हितैषी पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को देशभर में पहचान मिली है। उन्होंने इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4800 श्रमिक परिवारों को 224 करोड़ की राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए। तीन दशक से हुकुमचंद मिल के मजदूर न्याय की गुहार लगा रहे थे, उनकी इस गुहार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने न केवल सुना बल्कि उन्हें एक बड़ी राहत प्रदान की।

श्रमिकों के कल्याण के लिए उन्होंने अपने अथक प्रयासों का सिलसिला सतत रूप से जारी रखा। प्रदेश में स्वामित्व योजना के माध्यम से 23 लाख 50 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री जन कल्याण यानी संबल योजना 2.0 में 30 हजार 500 से अधिक श्रमिक परिवारों को 670 करोड़ रुपए से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि दी गई। मजदूरों की दिव्यांगता के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दी गई। इसी के साथ ही श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

राज्य शासन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है, डबल इंजन सरकार का यह संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। शासन की जन हितैषी योजनाएं-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबसे पहले देश में जनधन खाते खोले गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गरीब कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंचने लगी। गरीबों को न केवल न्याय मिले बल्कि उन तक न्याय पहुंच सके इसका प्रबंध सरकार ने किया है।

कमजोर वर्ग का विकास पहली प्राथमिकता

तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए प्रति बोरा से बढ़कर 4 हजार रुपए किया गया है। लगभग 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को इसका लाभ मिला है। प्रधानमंत्री जन मन योजना अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में 7 हजार 300 करोड रुपए से अधिक की लागत से अधोसंरचना के कार्य हो रहे हैं जिससे 11 लाख से अधिक व्यक्ति लाभान्वित होंगे। योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने पांच माह में 5000 से अधिक आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया है। शिवपुरी जिले में सर्वाधिक लगभग 1103 आवास पूर्ण किए गए हैं। ऐसी ग्राम पंचायतों जिनमें योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की अधिक संख्या थी उन ग्रामों में कॉलोनी बनाकर आवास बनाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री जन मन मिशन के तहत प्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के अविद्युतीकृत घरों तक बिजली पहुंचाने की कार्य योजना स्वीकृत कर ली गई है।प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत प्रदेश के 7300 से अधिक जनजातीय बहुल ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण और कौशल विकास के कार्य हो रहे हैं। आहार अनुदान योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों की बहनों के खातों में जनवरी से लेकर अभी तक 148 करोड रुपए से अधिक की राशि आंतरित की जा चुकी है।

प्रदेश सर्व स्पर्शी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। समाज के सभी वर्गों की विकास में समान भागीदारी के लिए गरीब और कमजोर वर्ग के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Created On :   12 Jun 2024 7:19 PM IST

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