- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- भोपाल
- /
- अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी...
Bhopal News: अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी; साहित्य, राजनीति और करुणा के महत्व पर विचार
- भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित इस संगोष्ठी में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ।
- वक्ताओं ने अटल जी की समावेशिकता, उदारवादी चरित्र और उनके योगदान पर अपने विचार साझा किए।
Bhopal News: संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी का उद्घोष करने वाले जन-जन के प्रिय एवं राष्ट्रीय चरित्र के प्रेरणास्रोत भारत माता के सपूत पूर्व प्रधानमंत्री भारत-रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। स्वागत वक्तव्य में साहित्य अकादमी के सचिव के निवासराव के द्वारा कार्यक्रम की उपयोगिता तथा तात्कालिकता की आवश्यकता बतायी। विशिष्ट वक्ता के रूप डाॅ गोविन्द मिश्रा के द्वारा राजनीति के स्तर के उन्नयन के लिए साहित्य के स्पर्श की आवश्यकता बतायी। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ माधव कौशिक के द्वारा करुणा के महत्त्व को रेखांकित किया।
अध्यक्षीय भाषण में कुलगुरु प्रो खेमसिंह डहेरिया के द्वारा अटल जी की विश्वव्यापकता के साथ ही साथ सम्यक दृष्टि, उदारवादी चरित्र के साथ राष्ट्रीयता को महत्त्वपूर्ण बताया। तीन सत्रों में आयोजित कार्यक्रमों में दयानंद पाण्डे के द्वारा संस्मरणों को साझा किया। लेखिका उर्मिला शिरीष के द्वारा आलेख वाचन प्रस्तुत किया। पूर्व कुलपति प्रो छीपा के द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना का महत्त्व बताया। डॉ मुकेश मिश्रा के द्वारा अटल की सर्वसमावेशिकता के बारे में बताया। लेखक एवं प्रशासनिक ज्ञाता मनोज श्रीवास्तव के द्वारा समावेशी, शिल्पी, संस्कृति, समरसता तथा अव्याभिचारिणी निष्ठा जैसे शब्दों को स्पष्ट करते हुए अटल के द्वारा उन शब्दों को अर्थ प्रदान करते हुए आचरण को स्पष्ट किया। डॉ अलका प्रधान के द्वारा अटल जी के कार्यक्रम पर प्रकाश डाला और अध्यक्षीय उद्बोधन प्रो बैद्यनाथ लाभ के द्वारा दिया गया।
अंतिम सत्र का संचालन करते हुए डॉ भावना खरे के द्वारा सर्वप्रथम डॉ विजय मनोहर तिवारी को आमंत्रित किया गया एवं उन्होंने अपने आलेख का शीर्षक राजनीति की देह में पत्रकार की आत्मा प्रस्तुत किया अपने उद्बोधन में डॉ संजय द्विवेदी के द्वारा अटल की लोकप्रियता के संबंध में उल्लेख किया। अंतिम सत्र में अध्यक्षता करते हुए डॉ प्रकाश बरतूनिया के द्वारा महत्त्वपूर्ण उल्लेख किया। डॉ संजय द्विवेदी तथा विजय मनोहर तिवारी के द्वारा भी उत्कृष्ट उद्बोधन दिया। कुलसचिव शैलेंद्र जैन के द्वारा आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनीता चौबे, डॉ भावना खरे, बृजेश रिछारिया आदि के द्वारा किया गया एवं प्रो राजीववर्मा, डॉ गौरव गुप्ता, डॉ अमित सोनी, डॉ भूपेंद्र सुल्लेरे उपस्थित रहे।
Created On :   20 Sept 2024 9:02 PM IST