महाआरोग्य शिविर: दो दिन में 32 हजार मरीजों की ओपीडी, मरीजों ने उठाया लाभ

दो दिन में 32 हजार मरीजों की ओपीडी, मरीजों ने उठाया लाभ
  • महास्वास्थ्य शिविर में मरीजों की भीड़
  • ग्रामीण- शहरी क्षेत्र से भी नागरिक पहुंचें

डिजिटल डेस्क, अकोला. स्थानीय शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय महाआरोग्य शिविर में 32 हजार 432 मरीजों ने पंजीकरण कराया। दोनों दिन शिविर में ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंचने से व्यवस्थाएं नाकाफी दिखीं। अस्पताल में 7 एवं 8 सितंबर को दो दिवसीय सामान्य स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ। जिसका उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिविर का उद्घाटन किया और पहले दिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नए भवन का उद्घाटन करने के साथ ही शिवापुर में उपजिला अस्पताल और बोरगांव मंजू में ग्रामीण अस्पताल का भूमि पूजन किया गया।

अन्य जिलों से भी पहुंचे मरीज

सर्वोपचार अस्पताल में शिविर के आयोजन के दूसरे दिन सुबह आठ बजे से जांच शुरू की गयी। बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि इस महाआरोग्य शिविर में बुलढाणा, वाशिम, हिंगोली, अमरावती जिले के मरीजों को भी इसका फायदा हुआ है। दो हजार कर्मचारियों, आशा कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, नर्सों ने सेवा दी।

होम्योपैथी, आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सेवाएं

महाआरोग्य शिविर के दूसरे दिन होम्योपैथी, आयुर्वेदिक चिकित्सकों सहित कुछ नॅचरोपैथी के चिकित्सकों ने शिविर स्थल पर मरीजों कर सेवा प्रदान की। पहले दिन पैरामेडिकल स्टाफ ने गणमान्य व्यक्तियों के विचार सुनने के लिए बनाये गये मंडप में सेवाएं दीं। यहां खून के नमूनों की जांच की गई।

शनिवार (7 अक्टूबर) को बारह हजार से ज्यादा मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया। उसके बाद दूसरे दिन भी देखा गया कि सर्वोपचार अस्पताल परिसर में मरीजों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स व अन्य लोग सेवाएं देने में जुट गए थे। प्रारंभिक पंजीकरण के बाद, डॉक्टर ने बीमारी का निदान करने के लिए मरीजों की आरोग्य जांच की। दवा लेने के बाद मरीजों ने निःशुल्क भोजन का आनंद लिया। शिविर में मरीज पंजीकरण के लिए 32 काउंटर की व्यवस्था की गयी थी। भाजपा के अनुप धोत्रे ने भाजपा की ओर से बताया कि दूसरे दिन जांच कराने आए मरीजों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की गयी। इसी के साथ सर्वोपचार अस्पताल में आयोजित महा आरोग्य शिविर में मरीजों के लिए भोजन कक्ष में ही पेयजल की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन पंजीयन, जांच, मुख्य सभा कक्ष, दवा वितरण मंडप सहित अन्य जगहों पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ा। भोजन स्थल पर पहुंचने के बाद ही मरीजों को पीने का पानी मिला.

Created On :   9 Oct 2023 12:21 PM GMT

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