अकोला: निजी कंपनी की टैक्स वसूली के खिलाफ एक मिस्ड कॉल, एक हस्ताक्षर का अभियान

निजी कंपनी की टैक्स वसूली के खिलाफ एक मिस्ड कॉल, एक हस्ताक्षर का अभियान

डिजिटल डेस्क, अकोला. निजी कंपनी के माध्यम से मनपा की टैक्स वसूली कर अकोलेकरों की लूट को रोकने के लिए एड बालासाहब अाम्बेडकर के आदेश पर वंचित अघाड़ी अकोला शहर में सड़कों पर उतरकर 'एक ‘एक मिस्ड कॉल एक हस्ताक्षर' अभियान चलाकर अकोला नगर निगम की निजी कर वसूली को रोकने के लिए आर-पार की लड़ाई शुरू की करेगी। उक्त दल की ओर से शहर के नागरिकों से सहयोग करने का आवाहन किया गया है।वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर से कहा गया है कि अकोला नगर निगम के कर वसूली का काम स्वाति इंडस्ट्रीज को क्यों दिया? इस पर बीजेपी का विरोध क्यों नहीं हुआ? जब आम जनता ने नगर निगम को एक सौ रुपये का भुगतान किया है, तो वे ठेकेदार के गुल्लक में 8 रुपये 39 पैसे क्यों डाल रहे हैं? अकोलेकर नागरिक नगर निगम के कर का 50 प्रतिशत स्वयं भुगतान कर रहे थे। तो फिर उन्हें डायरेक्ट टैक्स में 8 प्रतिशत की छूट क्यों नहीं मिलती? जब तत्कालीन मनपा प्रशासक और आयुक्त कविता द्विवेदी ने टैक्स का निजीकरण किया, तब 1500 करोड़ का ठेका सीधे स्वाति इंडस्ट्रीज को दिया गया था, तब राज्य में महायुति सरकार थी। तब भाजपा ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। देवेन्द्र फड़नवीस पालक मंत्री थे, उनकी भूमिका क्या थी? यह सब सवाल नागरिक भाजपा से भी पूछें ।

संपत्ति पुनर्मूल्यांकन के नाम पर नगर निगम के सभी टैक्स वसूली का निजीकरण क्यों किया गया? स्वाति इंडस्ट्रीज को ठेका देने के बाद अब तक संपत्ति का मूल्यांकन क्यों नहीं शुरू हुआ, यह बुनियादी सवाल खड़ा हो गया है। आम अकोलेकर बहुत अनुशासित होते हैं और नियम नहीं तोड़ते, इसलिए वे स्वयं नगर निगम को प्रति वर्ष पचास करोड़ का टैक्स देते हैं। फिर अकोला के 100 करोड़ के टैक्स कलेक्शन में से 8 करोड़ 39 लाख कौन नेता, अधिकारी निजी कंपनी को दे रहा है? इस आठ करोड़ रुपये में शहर में जरूरी सुविधाएं क्यों नहीं मुहैया करायी गयीं? यदि राज्य में महायुति के प्रमुख एकनाथ शिंदे सरकार राज्य में नगरपालिका टैक्स का निजीकरण करना चाहते हैं, तो उन्होंने मुंबई, ठाणे में इसका निजीकरण क्यों नहीं किया। अकोला में ऐसा क्यों किया गया, अकोलावासियों के सामने ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं।नायगांव, अकोट फेल, हनुमान चौक अकोट फेल, महाकाली चौक, तारफेल, श्रीवास्तव चौक, डाबकी रोड, गजानन नगर रोड, मलकापुर, उमरी, गुडधी, कौलखेड, जठारपेठ, गीता नगर, बायपास, खड़की, शिवानी, सातव चौक, दुर्गा चौक, उनसे तत्काल निर्णय लेने का आग्रह करेंगे।

सिविल लाइन चौक, खैर मोहम्मद प्लॉट, जय हिंद चौक, हरिहरपेठ, रतनलाल प्लॉट चौक, इनकम टैक्स चौक, नगर पालिका के पास लोकमान्य तिलक प्रतिमा के पास, इसके अलावा सहकार नगर, रामदास पेठ, खंडेलवाल भवन, जवाहर नगर चौक में 36 से अधिक स्थानों पर टैक्स वसूली के लिए निजी कंपनी वसूली कर रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नीलेश देव ने आजाद मैदान में धरना भी दिया था। अब प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जिसके बाद अब वंचित की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे इसके बाद नगर निगम आयुक्त से मुलाकात कर और उनसे तत्काल निर्णय लेने का आग्रह करंेगे। इसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।

Created On :   14 March 2024 10:43 AM GMT

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