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तैयारी: बिजली बचत के लिए किए जाएंगे जरूरी उपाय, जिलाधिकारी कार्यालय का हुआ एनर्जी ऑडिट
- बिजली बचत के उपाय
- जिलाधिकारी कार्यालय का जायजा
- एनर्जी ऑडिट किया गया
डिजिटल डेस्क, अकोला। ऊर्जा बचत के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय में एनर्जी ऑडिट किया जा रहा है। इस ऑडिट के माध्यम से बिजली बचत के उपाय अपनाए जाएंगे। जिसके लिए जिलाधिकारी अजीत कुंभार ने मेडा के अधिकारियों के साथ बुधवार को निरीक्षण किया। मेडा के जिला प्रबंधक विजय काले उपस्थित थे।
जिलाधिकारी के आदेशानुसार छत्रपति शिवाजी सभागृह, नियोजन भवन का एनर्जी ऑडिट का काम शुरू हो गया है। इसके लिए महाऊर्जा योजना से 20 हजार तक की सब्सिडी मिलेगी। यह काम छत्रपति संभाजीनगर की श्री वेदांत एनर्जी द्वारा ‘महाऊर्जा’ की देखरेख में शुरू किया गया।
भवन में ऊर्जा बचत की संभावनाओं को देखते हुए रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। ऊर्जा संवर्धन अधिनियम, 2001 के तहत, ऊर्जा बचत एक राष्ट्रीय कर्तव्य है और जिले की सभी औद्योगिक कंपनियों, निजी भवनों, सरकारी, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, स्थानीय निकायों में ऊर्जा बचत की अधिक उम्मीद है और उन्हें महाऊर्जा की विविध योजनाओं का लाभ उठाकर बचत को लेकर प्रयास करने चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में नई इमारतें ऊर्जा कुशल हों, इसलिए सिविल इंजीनियरों, आर्किटेक्ट, निर्माण व्यवसाइयों को पहल करनी चाहिए और ऊर्जा बचत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। औद्योगिक कंपनियों, निजी भवनों, सरकारी, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, स्थानीय स्वराज्य संस्था आदि को ऊर्जा संवर्धन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए महाऊर्जा कार्यालय से संपर्क करने की अपील की गई है।
क्या है उर्जा
ऊर्जा ऑडिट एक इमारत में ऊर्जा प्रवाह का निरीक्षण और विश्लेषण है जिसका उद्देश्य ऑडिट किए जा रहे घर या इमारत की ऊर्जा दक्षता को समझना है। प्रति यूनिट ऊर्जा खपत को कम करने या सुविधाओं के लिए परिचालन लागत को कम करने के तरीकों को निर्धारित करने के लिए ऊर्जा ऑडिट आयोजित किया जाता है। ऑडिट में तीन (3) चरण होते हैं, अर्थात् प्री ऑडिट चरण, ऑडिट चरण और पोस्ट ऑडिट चरण।
Created On :   7 March 2024 11:18 AM GMT