नारी समस्याओं की सशक्त अभिव्यक्ति है दैनिक भास्कर - शाहीना पठान

नारी समस्याओं की सशक्त अभिव्यक्ति है दैनिक भास्कर - शाहीना पठान
  • दैनिक भास्कर के अकोला संस्करण की 14 वीं वर्षगांठ
  • भव्य आयोजन, महिलाओं का किया गया सम्मान

डिजिटल डेस्क, अकोला. महिलाओं की समस्याएं, उन पर होनेवाले अत्याचार तथा समाज का महिलाओं के प्रति नजरिया इन विषयों पर दैनिक भास्कर की पारखी नजर हमेशा रहती है। नारी की समस्याओं का निराकरण करने तथा मार्गदर्शन में दैनिक भास्कर की भूमिका अहम रही है। आज उन्होंने महिलाओं का सम्मान कर तथा विशेष मार्गदर्शन के लिए स्वाति मालीवाल जैसी महिला नेत्री को आमंत्रित कर हमें सुखद अनुभूति का एहसास करवाया है। इन शब्दों में बुलढाणा की अपंग निवासी विद्यालय की सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं सत्कारमूर्ति शाहीना पठान ने अपने विचार व्यक्त किए। वे दैनिक भास्कर के अकोला संस्करण की 14 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम एवं सत्कार समारोह में बोल रही थीं। इस कार्यक्रम में तीन जिलों की 6 महिलाओं को सम्मानित किया गया।

बुलढाणा जिले की सामाजिक कार्यकर्ता की रूप में विशेष कर महिला समस्याओं को लेकर लड़नेवाली शाहीना को नागपुर की मा.ना.गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का आदर्श शिक्षिका पुरस्कार, महिला एवं बालकल्याण क्षेत्र में कार्य के लिए पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी पुरस्कार, दिव्यांगों के लिए कार्य करने पर जिला नवरत्न पुरस्कार, विलासराव देशमुख ट्रस्ट का पुरस्कार, विदर्भ सखी गौरव अपंग सेवक एवं सम्मान नारी पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने पर दैनिक भास्कर ने उनका सम्मान किया।

नहीं खोया धैर्य

इसी क्रम में अकोला जिले के कटयार की प्रगतिशील महिला किसान ज्योति देशमुख ने अपनी आंखो के सामने अपने पति, ससुर तथा देवर को आर्थिक तंगी के चलते कुंठाग्रस्त होकर आत्महत्या करते हुए देखा। लेकिन अपने धैर्य एवं लगन को बरकरार रखते हुए 29 एकड़ खेत की जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेकर स्वयं ट्रैक्टर से अपने खेतों को जोत कर खेती की। घर के पुरुष हिम्मत हार गए लेकिन ज्योति ने धैर्य की परिसीमा पार कर अपने दम पर महिलाओं को निडर होना सिखाया। इस साहस के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।

अस्पताल को अपग्रेड करने में निभाई भूमिका

अकोला के शासकीय महिला अस्पताल की वैद्यकीय अधीक्षिका तथा वर्तमान में सहायक संचालिका डॉ.आरती कुलवाल ने जिला महिला अस्पताल को सभी सुविधाओं से युक्त रखने में योगदान दिया। वर्ष 2011 में डॉ.आरती कुलवाल ने जिला महिला अस्पताल की वैद्यकीय अधीक्षिका का पदभार संभाला है। उनके आने के बाद अस्पताल मंे 500 बेड का अस्पताल अपग्रेड किया गया। ओएससी सखी नाम से पीड़ित महिलाओं के लिए स्वतंत्र बेड का वार्ड, नवजात शिशुओं का इलाज करने के लिए एनआईसीयू यूनिट तैयार किया गया। कोराेना काल में भी इस अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची 175 कोरानाबाधित महिलाओं का इलाज किया गया जिसमें किसी भी महिला की जान नहीं गई। उन्हें डॉ. संध्या जोशी बेस्ट आउटस्टैंडिंग गायनिकोलॉजिस्ट पुरस्कार, केंद्रीय मंत्रालय का बेस्ट स्टूडेंट आफ पीजी हॉस्पिटल मैनेजमेंट पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनके इस योगदान को भास्कर ने सराहा है।

महिलाओं को बनाया सक्षम

अकोला में प्रधानमंत्री अन्न सूक्ष्म अन्न प्रक्रिया उद्योग योजना की नोडल अधिकारी ज्योति चोरे ने सभी महिलाओं को एक सूत्र में पिरोकर उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने तथा उसके माध्यम से महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए दिन-रात प्रयास किया। जि.प.की विस्तार अधिकारी से नोडल अधिकारी एवं फलोत्पादन की तकनीकी अधिकारी के रूप में अकोला के जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय में कार्यरत रहकर महिला सशक्तिकरण का कार्य किया।

नि:स्वार्थ की दीन-दुखियों की सेवा

समाज सेविका अख्तर बेगम ने ताउम्र नि:स्वार्थ भाव से दीन दुखियों की सेवा करने के अलावा कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे मरीजों को मुंबई ले जाकर उनका उचित इलाज करवाने में अपना योगदान दिया। विगत 17 साल से बिना मेहनताना लिए अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत महिला शिकायत निवारण कक्ष अर्थात भरोसा सेल में पति-पत्नी के बीच के झगड़े को खत्म कर दोनों के बीच सुलह एवं समझौता करवाकर उनके दाम्पत्य जीवन को टूटने से बचाने का पुण्य कार्य करने के कारण उन्हें सम्मानित किया गया।

बुर्जुगों का बनीं सहारा

समाज सेविका सविता अढाऊ ने निराधारों एवं असहाय वृध्दों को तत्पर सहयोग दिया। जिन्हें वे पहचानती तक नहीं थीं, घर से बेटा-बहुओं या परिजनों ने जिन्हें वृध्दावस्था में बेसहारा छोड़ा ऐसे बुर्जुगों का सहारा बनकर उन्हें हर संभव सहायता देने के अलावा जो कार्य मरने के बाद बेटे को पूरा करना चाहिए उस कार्य को पूरा कर मुखाग्नि देने का कार्य संस्था के माध्यम से उन्होंने किया। इसलिए उन्हें सम्मानित किया गया।

Created On :   4 Sept 2023 4:52 PM IST

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