जमशेदपुर में हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी इंजन उत्पादन की इकाई लगाएगी टाटा
- अगले 25 से 30 वर्ष में ऑटोमोबाइल सेक्टर में शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य
- प्रतिवर्ष 4000 से ज्यादा हाइड्रोजन आईसी और फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन का लक्ष्य
डिजिटल डेस्क, जमशेदपुर। अब झारखंड में टाटा और उसकी सहयोगी कंपनियां हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी आधारित इंजन और बैटरी का प्रोडक्शन भी करेंगी। इस प्रोजेक्ट पर कंपनी ने पहले चरण में 354.28 करोड़ के निवेश का निर्णय लिया है। इसके लिए टाटा मोटर्स एवं कमिंस इंक यूएसए ने टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) नामक एक ज्वायंट वेंचर बनाया है।
इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी और झारखंड सरकार के बीच जल्द ही एमओयू किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे जुड़े प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। पिछले महीने इस प्रोजेक्ट में निवेश और इसके विस्तार की संभावनाओं पर टाटा के वरीय अधिकारियों के साथ सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक भी की थी।
सीएम ने कहा है कि जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य वाले इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
टाटा मोटर्स की ओर से आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि कंपनी 25 से 30 वर्ष में ऑटोमोबाइल सेक्टर में शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। बताया गया है कि ग्रीन टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट में प्रतिवर्ष 4000 से ज्यादा हाइड्रोजन आईसी और फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन और 10 हजार से ज्यादा बैटरी का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट में 300 से ज्यादा लोगों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नियोजन होगा। हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है, जिसकी क्षमता अन्य किसी भी ईंधन की अपेक्षा अधिक होती है। इसका एनर्जी लेबल अधिक होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
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Created On :   29 July 2023 11:27 AM GMT