ईएमआई होगी और महंगी, रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया 0.50 फीसदी रेपो रेट

आरबीआई घोषणा ईएमआई होगी और महंगी, रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया 0.50 फीसदी रेपो रेट
हाईलाइट
  • बैंकों से कर्ज लेना अब और महंगा हो जाएगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आज यानी कि 8 जून, 2022 बुधवार को एक बार फिर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। अब पालिसी रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट यानी कि 0.5% की बढ़ोतरी की गई है। जिसके बाद अब रेपो रेट 4.90% हो गया है। आपको बता दें कि, करीब एक महीने के अंतराल में रेपो रेट में लगातार दूसरी बढ़ोतरी गई है।

रेपोरेट में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी पर होगा। इससे ईएमआई और अधिक महंगी हो गई है। यानी कि रिजर्व बैंक के इस फैसले के साथ ही आम लोगों का बैंकों से कर्ज लेना और महंगा हो जाएगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक के बाद रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि, घर की कीमतों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों द्वारा 2011 और 2009 में फिक्स किए गए इंडिविजुअल होम लोन की सीमा को 100% से संशोधित किया जा रहा है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहा है। मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी है। महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है। हालांकि, सरकार द्वारा किए गए उपायों से मुद्रास्फीति नीचे आएगी।

वित्त वर्ष 2023 के लिए, आरबीआई ने सामान्य मानसून और औसत कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल को ध्यान में रखते हुए, पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत के साथ समग्र मुद्रास्फीति को देखा। विशेष रूप से, देश में थोक मुद्रास्फीति पिछले एक साल से अधिक समय से दोहरे अंकों में है।

दास ने कहा कि विकास के लिए, वित्त वर्ष 23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ 7.2 प्रतिशत देखी गई है, पहली तिमाही में 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.1 और चौथी तिमाही में 4.0 देखी गई है।

आपको बता दें कि, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई थी। गवर्नर दास की अगुवाई में हुई इस बैठक में समिति के पांचों सदस्यों ने महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ की वास्तुस्थिति पर अपने विचार साझा किए। इसके बाद महंगाई को कंट्रोल करने के लिए सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने पर सहमति जताई।

Created On :   8 Jun 2022 11:13 AM IST

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