प्रवासी मजदूरों की वापसी से उत्पादन प्रभावित, पड़ सकता है आटे-दाल का टोटा (आईएएनएस विशेष)

Production can be affected due to the return of migrant laborers, may have flour-tota (IANS special)
प्रवासी मजदूरों की वापसी से उत्पादन प्रभावित, पड़ सकता है आटे-दाल का टोटा (आईएएनएस विशेष)
प्रवासी मजदूरों की वापसी से उत्पादन प्रभावित, पड़ सकता है आटे-दाल का टोटा (आईएएनएस विशेष)
हाईलाइट
  • प्रवासी मजदूरों की वापसी से उत्पादन प्रभावित
  • पड़ सकता है आटे-दाल का टोटा (आईएएनएस विशेष)

मुंबई, 31 मार्च (आईएएनएस)। कोरोनावायरस के गहराते प्रकोप के कारण घबराहट में लोग दैनिक उपभोग की वस्तुओं की खरीदारी अपनी जरूरत से ज्यादा करने लगे हैं। वहीं, प्रवासी मजूदरों की घर वापसी से फैक्टरियों में उत्पादन से लेकर, वितरण समेत पूरी सप्लाई चेन प्रभावित हो गई है, जिससे आटा, दाल, खाद्य तेल और बिस्कुट समेत कई जरूरियात की वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं।

देशभर के किराना स्टोर में पहुंचे रहे उपभोक्ता दैनिक उपभोग की वस्तुएं जरूरत से ज्यादा खरीदने लगे हैं। देश की ज्यादातर अनाज मंडियां बंद हैं और आटा, चावल और दाल की मिलों समेत खाद्य तेल की फैक्टरियों में कम से कम मजदूरों से काम लिया जा रहा है।

देशभर में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान राज्यों की सीमाएं सील होने के कारण एफएमसीजी वस्तुओं के परिवहन को लेकर काफी परेषानी आ रही है। अगर, हालात में सुधार नहीं हुआ तो जमाखोरी बढ़ने से आने वाले दिनों में आवष्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी इजाफा हो सकता है।

एफएमसीजी एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद मजदूर व कर्मचारी मिलों व कारखानों में काम पर नहीं लौट रहे हैं।

ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया, मजदूरों की अनुपलब्धता होने और कच्चे माल यानी दलहनों की आपूर्ति नहीं हो पाने के कारण करीब 80 फीसदी दाल मिलें बंद हैं। सरकार ने हालांकि आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की छूट दी, फिर भी समस्या दूर नहीं हो पाई है। राज्यों की सीमाओं पर पुलिस ट्रकों कों को रोक रही है, जिसके कारण ट्रांसपोर्टर ट्रकों के परिचालन के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो भोजन का अहम हिस्सा मानी जाने वाली दाल की आपूर्ति का टोटा हो जाएगा, इसलिए मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए परिवहन की समस्या का समधान करके आपूर्ति को दुरूस्त करने की जरूरत है।

दिल्ली की कई दुकानों से अरहर की दाल गायब हो चुकी है। देष की राजधानी पॉश कॉलोजी- वसंतकुंज स्थित संजय स्टोर्स के मालिक ने बताया, 25 मार्च की पूर्व संध्या घबराहट में लोग खरीदारी करने लगे थे। जिसके बाद मैंने एक स्थानीय व्यापारी से कुछ अरहर दाल और आटा खरीदकर रख लिया था, अब मिलना मुश्किल हो गया है।

भारत के एक बड़े हिस्से में आटे के बिना रसोई नहीं चल सकती है। देष की राजधानी और आपसपास के इलाके यानी एनसीआर एवं हरियाणा व उत्तर प्रदेश में स्थित सैकड़ों आटा मिलें हैं।

दिल्ली के आटा मिल मालिक रजत गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि उनका मिल खुला है और कुछ ही मजदूर अभी काम पर लेकिन समस्या यह है कि गेहूं की आपूर्ति काफी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की सप्लाई पर्याप्त होने पर ही मिल की क्षमता का पूरा उपयोग हो पाएगा। इस तरह आटे की सप्लाई प्रभावित होने से इसकी कीमतों में इजाफा हुआ है।

ग्रेटर नोएडा स्थित एक किराना स्टोर के मालिक ने बताया कि आशीर्वाद ब्रांड के आटे के पांच किलो का पैकेट वह पहले 180 रुपए में बेचते थे लेकिन आज उसकी कीमत 220 रुपए हो गई है।

दिल्ली के एफएमसीजी डिस्टीब्यूटर ओमप्रकाश गर्ग ने बताया कि दरअसल, परिवहन और मजदूर की समस्याओं से अनाज मंडी, आटा मिल, चावल मिल, दाल मिल समेत एफएमसीजी के उत्पादन की पूरी सप्लाई चेन बीते एक सप्ताह से प्रभावित है और डिपो में बिस्किुट, चॉकलेट, दूध का पॉउडर समेत खाने पीने की अन्य वस्तुएं पड़ी हुई हैं, लेकिन परिवहन व्यवस्था बाधित होने से ये वस्तुएं डिस्टिब्यूटर्स, सप्लायर्स और रिटेलर्स के पास नहीं पहुंच रही हैं।

मसाले व मेवा कारोबार से जुड़े एक अन्य डिस्टीब्यूटर राजेश गुप्ता ने बताया कि मसालों का नया स्टॉक उत्पादन इकाइयों से नहीं आ रहा है।

खादय तेल उदयोग संगठन सॉल्वेंट एक्सटरैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अतुल चतुर्वदी का कहना है कि सरकार के हस्तक्षेप से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन में जल्द सुधार होगी और इसकी शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि खादय तेल, चीनी समेत अन्य खादय वस्तुओं की सप्लाई तकरीबन 40-50 फीसदी ठीक हो चुकी है, लेकिन पूरी चेन के दुरूस्त होने में समय लगेगा।

सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड यानी कूइट के प्रेसीडेंट लक्ष्मीचंद अग्रवाल ने कहा कि सरसों तेल का उत्पादन करने वाली एक्सपेलर मिलों में सरसों की सप्लाई हो रही है और सरसों तेल का उत्पादन व सप्लाई पर आने वाले दिनों में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इस समय सरसों की नई फसल की आवक का सीजन चल रहा है। उन्होंने बताया कि किसान सीधा एक्सपेलर को अपनी फसल बेच रहे हैं।

हालांकि उन्होंने सरसों तेल की कीमतों में थोड़ी वृद्धि होने की बात स्वीकार की।

इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन यानी आईपीजीए के चेयरमैन जीतू भेड़ा ने भी उम्मीद जताई कि खादय पदार्थों की सप्लाई चेन जल्द दुरूस्त होगी। उन्होंने कहा कि दरअसल मजदूर घर लौट चुके हैं इसलिए सप्लाई चेन बाधित है लेकिन अगले पांच से छह दिनों में सुधार देखने को मिलेगा।

बड़े बाजारों में चावल की सप्लाई भी बाधित हो गई है। पंजाब बासमती राइस मिलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आशीष कथूरिया ने बताया कि मजदूरों की कमी के कारण मिलों में चावल का उत्पादन से लेकर बाजार में इसकी सप्लाई तकरीबन ठप पड़ चुकी है।

Created On :   31 March 2020 10:00 AM IST

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