सीतारमण ने कहा, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में लिक्विडिटी की समस्या नहीं

Private sector banks not facing any liquidity crisis, says Nirmala Sitharaman
सीतारमण ने कहा, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में लिक्विडिटी की समस्या नहीं
सीतारमण ने कहा, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में लिक्विडिटी की समस्या नहीं
हाईलाइट
  • प्राइवेट बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री ने बैठक की
  • वित्त मंत्री ने दावा किया कि प्राइवेट सेक्टर के बैंक तरलता संकट का सामना नहीं कर रहे
  • सीतारमण ने कहा कि खपत हो रही है और मांग वापस आ जाएगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दावा किया कि प्राइवेट सेक्टर के बैंक तरलता संकट का सामना नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आगे बढ़ना शुरू कर देगी। इसका कारण उन्होंने खपत के बढ़ने और इसके साथ बैंकों के लेंडिंग ऑपरेशन को बढ़ने को बताया है।

नई दिल्ली में प्राइवेट बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद सीतारमण ने कहा, "कुल मिलाकर, यह बहुत ही टॉनिक-जैसी बैठक थी, जहां मैंने बहुत सारी सकारात्मक बातें सुनीं। किसी एक ने भी नहीं कहा कि कोई चिंता और मांग में कमी है। उनमें से किसी ने भी तरलता की चिंता नहीं जताई।" सीतारमण ने कहा, "अगर तरलता की समस्या थी, तो वह होलसेल फाइनेंसिंग में थी, रिटेल में नहीं।"

सीतारमण ने कहा, "आज की इस बैठक से पता चलता है कि खपत हो रही है। मांग वापस आ जाएगी और हमारी अर्थव्यवस्था को तेज गति से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।" वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि निजी बैंक लोन देने के लिए 400 जिलों में सरकार के बैंक आउटरीच कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि 250 जिलों में बैंक आउटरीच कार्यक्रम का पहला दौर 3-7 अक्टूबर तक चलेगा।

सीतारमण ने कहा, "कई माइक्रो-फाइनेंस संस्थान और माइक्रो-फाइनेंस यूनिट्स जो यहां आई हैं, वे देश में गहराई तक फैली हुई हैं। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों में अभी भी मांग है और वे लोन का विस्तार कर रहे हैं।"

ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि "कमर्शियल व्हीकल की बिक्री में मंदी साइक्लिक है और यह समय के साथ ठीक हो जाएगी। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट को लेकर सीतारमण ने कहा कि यह सेटिमेंट ड्रिवन है और निकट भविष्य में इसमें सुधार होगा।

सीतारमण ने सर्विस सेक्टर को लेकर कहा, "यहां क्रेडिट की सबसे अधिक जरूरत है और चूंकि यह 50 फीसद से अधिक है, ऐसे में यहां भरपूर क्रेडिट की क्षमता दिखाई दे रही है।

सस्ती आवास योजना के लिए कर्ज पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बैंकरों की मांग है कि मौजूदा 45 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाए।

Created On :   26 Sept 2019 11:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story