EMI पर तीन महीने की छूट देने को लेकर SC पहुंचा मामला, याचिकाकर्ता ने कहा- आय का साधन नहीं कैसे देंगे पैसे?
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें नोवल कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच कर्ज की किस्तें चुकाने के लिए तीन महीने का समय देने संबंधी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर को निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का सर्कुलक सिर्फ दिखावा है, क्योंकि तीन माह की मोहलत देकर कर्ज की राशि पर ब्याज लगाया जा रहा है।
अधिवक्ता अमित साहनी ने सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि ईएमआई पर अतिरिक्त ब्याज लगाने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा, "तीन महीने की राहत अवधि में ग्राहकों के ऊपर ब्याज का भार भी आएगा। ऐसे में नियमित ईएमआई के साथ तीन महीने का अतिरिक्त ब्याज भरना कहीं से ग्राहकों को राहत देने वाला नहीं है।"
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याचिका में मांग की गई है कि तीन महीनों के लिए ग्राहकों से किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाना चाहिए। साथ ही कोरोना वायरस के कारण बेरोजगार हुए लोगों के लिए राहत अवधि की समयसीमा भी बढ़ाना चाहिए। बता दें रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को एक सर्कुलर जारी किया था। जिसमें बैंकों को कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए कर्जदारों का राहत प्रदान के लिए मार्च महीने का बकाया किस्तों के भुगतान में तीन महीने की राहत देने को कहा था।
Created On :   12 April 2020 3:33 PM IST