कर्नाटक देश में जल्द ही एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक होगा : बोम्मई

Karnataka will soon be the largest producer of ethanol in the country: Bommai
कर्नाटक देश में जल्द ही एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक होगा : बोम्मई
कर्नाटक कर्नाटक देश में जल्द ही एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक होगा : बोम्मई

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले दिनों में कर्नाटक देश के सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक देश के रूप में उभरेगा।एस निजलिंगप्पा शुगर इंस्टीट्यूट, बेलागवी और बक्वेस्ट कंसल्टेंसी एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित कर्नाटक में इथेनॉल उत्पादन पर एक सेमिनार में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राज्य में, 32 चीनी मिलें इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं, जबकि अन्य 60 कारखाने उत्पादन शुरू करने के लिए मंजूरी प्राप्त करने के विभिन्न चरण में हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एथनॉल नीति बना रही है।

बोम्मई ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जो कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले के आलोक में अगले डेढ़ साल में भारी वृद्धि देखेगा। यह देखते हुए कि न केवल गन्ने से, बल्कि धान, ज्वार और गेहूं की भूसी से भी इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, दुनिया स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। इथेनॉल उत्पादन और उपयोग पर अधिक शोध की आवश्यकता है। हाइड्रोजन हरित ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रहा है। देश में लगभग 43 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन कर्नाटक में किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने 1.30 लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश प्रवाह वाले हरित ऊर्जा के उत्पादन के लिए 3 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें समुद्र के पानी से अमोनिया का उत्पादन शामिल है। बोम्मई ने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन को एक बड़ा धक्का देगी और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी।

कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में चीनी कारखानों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य की 72 चीनी मिलों ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है और किसानों की आय में वृद्धि की है।बोम्मई ने कहा कि वाहनों के लिए जीवाश्म ईंधन में इथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले से न केवल देश के लिए कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   8 July 2022 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story