जेट एयरवेज का संकट गहराया, दो दिनों के लिए कैंसिल की सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स
- इसके पीछे परिचालन से संबंधित कारण बताए जा रहे हैं।
- इससे पहले खबरें आ रही थी कि नागरिक उड्डयन नीति और 0/20 नियम का पालन न करने पर जेट की सभी अतंरराष्ट्रीय उड़ानों पर जल्द ही प्रतिबंध लग सकता है।
- कर्ज में डूबी जेट एयरवेज ने दो दिनों के लिए अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को कैंसिल कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्ज में डूबी जेट एयरवेज ने दो दिनों के लिए अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को कैंसिल कर दिया है। यानी गुरुवार और शुक्रवार को जेट की इंटनेशनल फ्लाइट नहीं उड़ेंगी। इसके पीछे परिचालन से संबंधित कारण बताए जा रहे हैं। इससे पहले खबरें आ रही थी कि नागरिक उड्डयन नीति और 0/20 नियम का पालन न करने पर जेट की सभी अतंरराष्ट्रीय उड़ानों पर जल्द ही प्रतिबंध लग सकता है।
दरअसल जेट एयरवेज के बेड़े में अभी केवल 14 विमान ही ऑपरेशनल है। जबकि नई नागरिक उड्डयन नीति और 0/20 नियम के अनुसार, एक एयर कैरियर को अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने की अनुमति तभी दी जाती है, जब कम से कम 20 विमान ऑपरेशनल हों। भले ही उसे घरेलू परिचालन के संदर्भ में कोई अनुभव न हो।
3 अप्रैल को, नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने कहा था कि जेट के 15 से कम विमान ऑपरेशन में है। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने के लिए इसकी पात्रता की जांच की जानी चाहिए।
इस बीच, चांगी एयरपोर्ट की तरफ से कहा गया कि जेट एयरवेज ने अपनी सेवाओं को सिंगापुर से और आगे की सूचना तक निलंबित कर दिया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बुकिंग एजेंट या एयरलाइन से सीधे उपलब्ध विकल्पों के लिए संपर्क करें।
इससे एक दिन पहले जेट के शेयर बेचने के लिए खुली नीलामी में एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने बोली जमा कराने की समय सीमा दो दिन बढ़ा दी थी। पहले इसकी समय सीमा 10 अप्रैल की शाम 6 बजे तक थी। लेकिन बैंकों ने इसे 12 अप्रैल शाम 6 बजे तक बढ़ा दिया। बैंकों ने जेट के 75% तक शेयर बेचने के लिए 8 अप्रैल को बोली प्रक्रिया शुरू की थी। बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में उधारदाताओं ने मार्च में जेट एयरवेज का नियंत्रण जेट संस्थापक और अध्यक्ष नरेश गोयल के इस्तीफे के बाद अपने हाथों में ले लिया।
बुधवार का दिन एयरलाइन के लिए एक कठिन दिन था क्योंकि इंडियन ऑयल ने क्रेडिट लिमिट खत्म होने पर जेट की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। हालांकि कुछ घंटों के बाद ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई, लेकिन यह तीसरी बार था जब इंडियन ऑयल ने इस तरह का निर्णय लिया था। इसके अलावा एम्स्टर्डम से मुंबई जाने वाली जेट एयरवेज की एक उड़ान को बकाया बिलों के कारण यूरोपियन कार्गो कंपनी ने शिफोल हवाई अड्डे से उड़ान भरने से रोक दिया था।
Created On :   11 April 2019 8:29 PM IST