वैश्विक मंदी का असर भारतीय आईटी सेक्टर पर, FY24 में हायरिंग में आ सकती है 40% तक की गिरावट
- खर्चे कम करने के लिए भारी तादात में कंपनियां एम्प्लॉइज को निकाल रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में फिलहाल आर्थिक मंदी की अटकलों के चलते उथल-पुथल मची हुई है। कोई भी इंडस्ट्री इससे अछूती नहीं रह गई है। भारत में भी इसका असर दिखने लगा है। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही हैं। जिसकी वजह से कई अच्छी जॉब वाले लोग अब बेरोजगार हो गए है। टीमलीज (TEAM LEASE) नाम की संस्था की तरफ से किए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर चल रही फाइनेंशियल अस्थिरता का असर भारत में भी व्यापक रूप से देखने को मिलेगा और ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित आईटी इंडस्ट्री होगी। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में आईटी कंपनियों ने देशभर में 2.8 लाख लोगों को नौकरियां दी थी। वही वित्तीय वर्ष 24 में इस आकड़े में 30 से 40 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
आईटी सेक्टर की कंपनियों का मानना है कि आने वाले समय में मंदी का असर उनके ग्रोथ रेट पर पड़ सकता है। सारी छोटी-बड़ी कंपनियां अपने खर्चे कम करने के लिए भारी तादात में एम्प्लॉइज को निकाल रही है। इस मंदी के कई कारण हो सकते है। विशेषज्ञों के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध एवं अमेरिका और यूरोपीय बैंकिग सेक्टर में आई भारी गिरावट मुख्य कारणों में से हैं। भारतीय आईटी कंपनियां इस बदलते वैश्विक समीकरण को देखते हुए अपने खर्चों में कटौती करना चाह रही है। जिसका भुगतान कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोकर करना पड़ रहा है।
अगर हम भारत के अलावा पश्चिमी देशों की बात करें तो पाएंगे कि अमेरिका में सबसे ज्यादा नौकरियां टेक सेक्टर में ही गई है। layoff.fyi.के डाटा के मुताबिक मार्च 2023 तक 500 से ज्यादा टेक कंपनियों की तरफ से 1.5 लाख से भी अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। टेक इंडस्ट्री की जायंट्स माने जाने वाले ट्विटर, मेटा, अमेजन ने 2022 में करीब 1 लाख से अधिक लोगो का नौकरी से निकाला जा चुका है। इस फायरिंग में भारतीय लोगों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। करीब 35000 भारतीयों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
Created On :   30 March 2023 5:27 PM IST