पंजाब में किसान आंदोलन निहित स्वार्थ से प्रेरित : केंद्रीय मंत्री

Farmer movement in Punjab inspired by vested interests: Union Minister
पंजाब में किसान आंदोलन निहित स्वार्थ से प्रेरित : केंद्रीय मंत्री
पंजाब में किसान आंदोलन निहित स्वार्थ से प्रेरित : केंद्रीय मंत्री
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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। रेलमंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में जो किसान आंदोलन चल रहा है वह निहित स्वार्थ से प्रेरित है और कांग्रेस पार्टी इस आंदोलन में ईंधन डाल रही है। वहीं, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों के मन में अगर कोई संदेह है तो उनसे बातचीत के लिए केंद्र सरकार का दरवाजा हमेशा खुला है।

पंजाब में किसानों के आंदोलन को लेकर रेल यातायात प्रभावित है और मालगाड़ी का परिचालन नहीं होने से उद्योग-धंधों पर असर पड़ा है।

दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है।

केंद्रीय मंत्री गोयल वाणिज्य एवं उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से धान व अन्य फसलों की खरीद चल रही है और चालू सीजन में पंजाब में धान की खरीद सबसे ज्यादा हुई है।

गोयल ने कहा कि कांग्रेस खुद के शासित प्रदेश छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में किसानों को बहकाने में असफल रही, क्योंकि वहां किसानों को लगा कि यह (नये कृषि कानून) उनकी भलाई के लिए हैं।

उन्होंने आगे कहा, पंजाब में बिचैलिया मजबूत है और जिस प्रकार से आंदोलन चलाया गया है उसमें स्पष्ट दिखता है कि निहित स्वार्थ से वहां आंदोलन में ईंधन डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिन तीन मुद्दों पर कांग्रेस ने भ्रम फैलाने की कोशिश की उनमें एक था एमएसपी, लेकिन इस मसले पर वह किसानों को भ्रमित करने में विफल रही क्योंकि केंद्र सरकार ने एमएसपी पर किसानों से फसलों की खरीद बढ़ाकर इसे आगे जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।

गोयल ने कहा कि दूसरा मुद्दा मंडी से जुड़ा था और कहा गया कि नए कृषि कानून से मंडियां बंद हो जाएंगी, जबकि नए कानून में किसानों को कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) द्वारा संचालित मंडी के साथ-साथ एक विकल्प दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दरअसल किसानों की चिंता नहीं बल्कि बिचैलिए और आढ़तियों की चिंता ज्यादा है। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून के बाद अब किसानों को लेन-देन में कोई बेवकूफ नहीं बना सकता है क्योंकि पहले जो मौखिक लेन-देन होता था वह अब लिखित होगा।

वहीं, कांट्रैक्ट फामिर्ंग के मसले पर दोनों मंत्रियों ने कहा कि इससे देश के छोटे किसानों को फायदा होगा। गोयल ने कहा, कांट्रैक्ट फामिर्ंग से संबंधित कानून में यह प्रावधान है कि किसान किसी भी कांट्रैक्ट को तोड़ सकता है, जबकि खरीदार नही ंतोड़ सकता है। इसलिए, यह कानून पूरी तरह किसानों के पक्ष में है।

केंद्र सरकार के कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में राज्य सरकारों द्वारा पारित किए गए कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों राज्यों में एक जैसा कानून लाने की बात क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को गुमराह करने के लिए ये कानून ला रहे हैं। अनुबंध आधारित कृषि फसलों के लिए एमएसपी के प्रावधान के मसले पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान धान और गेहूं के लिए नहीं बल्कि महंगी फसलों के लिए अनुबंध करेंगे जिनके लिए कोई एमएसपी नहीं है, इसलिए इस तरह की बातें करके किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।

पीएमजे-एसकेपी

Created On :   8 Nov 2020 1:00 PM IST

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