IIP : इकोनॉमी में सुस्ती, दिसंबर में IIP घटकर हुई 0.3%, मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में आई गिरावट
- इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) एक बार फिर निगेटिव जोन में पहुंच गया
- एक साल पहले इसी महीने में IIP 2.5 प्रतिशत थी
- मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन के कारण दिसंबर में IIP घटकर (-) 0.3 प्रतिशत रह गया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत दिखाते हुए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) एक बार फिर निगेटिव जोन में पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन के कारण दिसंबर में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घटकर (-) 0.3 प्रतिशत रह गया, जो कि एक साल पहले इसी महीने में 2.5 प्रतिशत था।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 1.2% की गिरावट
IIP में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 77 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2018 के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग में दिसंबर 2019 में (-) 1.2 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। एक साल पहले इसमें 2.9 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी। नवंबर 2019 के मुकाबले भी दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट आई है। नवंबर 2019 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2.7 फीसदी की ग्रोथ देखी गई थी।
बिजली उत्पादन में 0.1% की गिरावट
बिजली उत्पादन में भी दिसंबर 2018 के मुकाबले दिसंबर 2019 में (-) 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। एक साल पहले इसी महीने में बिजली उत्पादन में 4.5 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई थी। महीने दर महीने के आधार पर अगर बिजली उत्पादन की तुलना की जाए तो इस क्षेत्र में थोड़ा सुधार हुआ है। नवंबर 2019 में इस क्षेत्र में (-) 5 फीसदी की गिरावट देखी गई थी।
माइनिंग आउटपुट में थोड़ा सुधार
हालांकि माइनिंग आउटपुट में पिछले महीने के मुकाबले में थोड़ा सुधार देखा गया है। महीने दर महीने की बात की जाए तो नवंबर 2019 में इस क्षेत्र में 1.7 फीसदी की ग्रोथ देखी गई थी। दिसंबर 2019 में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा महिने दर महीने के आधार पर कैपिटल गुड्स ग्रोथ (-18.2% vs -8.6%), प्राइमरी गुड्स ग्रोथ (2.2% vs -0.3%), इंटरमीडिएट गुड्स ग्रोथ (12.5% vs 17.1%), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ (-6.7% vs -1.5%), कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स ग्रोथ (-3.7% vs 2%) रही है।
क्या होता है IIP इंडेक्स?
बता दें कि IIP वह सूचकांक है जिससे देश की इकोनॉमी के विभिन्न क्षेत्रों का आंकलन किया जाता है। प्रमुख क्षेत्रों के आंकलन से पता चलता है कि देश में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की रफ्तार आखिर किस दिशा में और कितनी तेजी से बढ रही है।
Created On :   12 Feb 2020 8:55 PM IST