Corona Crisis: जुलाई 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियों के DA पर रोक, कोरोना संकट की वजह से लिया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायस के चलते देश की इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है। इसकी वजह से भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए यानी महंगाई भत्ते बढ़ोतरी पर जुलाई 2021 तक रोक लगा दी। ये आदेश केंद्र सरकार द्वारा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा। सरकार के इस फैसले का असर केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारकों के ऊपर पड़ेगा। मार्च में केंद्रीय कैबिनेट ने डीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 21 प्रतिशत करने की मंजूरी दी थी। लेकिन अब इस रोक के बाद डीए देने का फैसला कब किया जाएगा ये 1 जुलाई 2021 को साफ होगा।
क्या कहा वित्त मंत्रालय ने?
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए मेमोरेंडम में कहा गया है कि "कोविड -19 से उत्पन्न संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त नहीं देने का फैसला कर लिया है।" इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। सरकार ने पिछले महीने ही सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया था और कर्मचारियों का डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया था लेकिन अब ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिल सकेगा।
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता (DA) देश के कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही ऐसे देश हैं, जहां कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है। इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी। इस पैसे को उस वक्त खाद्य महंगाई भत्ता या डियर फूड अलाउंस कहा जाता था। भारत में मुंबई के कपड़ा उद्योग में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने लगी। हर साल दो बार DA रिवाइज किया जाता है। एकबार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में।
Created On :   23 April 2020 3:12 PM IST