2017-18 में सरकार को GST से हुई 7.41 लाख करोड़ की आय
- देश के भीतर जीएसटी के अंतर्गत 5 फीसद
- 12 फीसद
- 18 फीसद और 28 फीसद की चार टैक्स दरें हैं।
- वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 से ही देशभर में लागू कर दिया गया था।
- आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद पिछले 8 महीनों के दौरान हर महीने का औसत कलेक्शन 89
- 885 करोड़ रुपये रहा।
- केंद्र और राज्यों के उत्पाद शुल्क और वैट सहित बहुत से कर जीएसटी में मिला दिए गए हैं।
- देशभर में एक जुलाई 2017 से लागू किए गए वस्तु एवं सेव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में एक जुलाई 2017 से लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपये की आय हुई हैं। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से ये जानकारी दी गई। आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद पिछले 8 महीनों के दौरान हर महीने का औसत कलेक्शन 89,885 करोड़ रुपये रहा।
जुलाई के कलेक्शन को रखा अलग
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा , "जीएसटी से 2017-18 की अगस्त-मार्च अवधि में कुल टैक्स कलेक्शन 7.19 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें से जुलाई का कलेक्शन अलग रखा गया है क्योंकि वह जून महीने का कलेक्शन था। इसमें केंद्रीय जीएसटी (GST) से प्राप्त 1.19 लाख करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) से मिले 1.72 लाख करोड़ रुपये , एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के 3.66 लाख करोड़ रुपये (जिसमें आयात से 1.73 लाख करोड़ रुपये भी शामिल) और सेस से प्राप्त 62,021 करोड़ रुपये (जिसमें आयात पर उपकर के 5,702 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
राज्यों की औसत आय का फर्क घटा
अगस्त-मार्च अवधि के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह 89,885 करोड़ रुपये रहा। 2017-18 के 8 महीनों में राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 41,147 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने ये भी कहा कि राज्यों के बीच आय का जो फर्क था, पिछले 8 महीनों में वह काफी कम हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल राज्यों के बीच औसत आय का फर्क 17 फीसदी के करीब रहा। वहीं वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी की नई व्यवस्था के कारण राज्यों के राजस्व में गिरावट की भरपाई 5 सालों तक केंद्र करेगा। इसके लिए लग्जूरिअस और हार्मफुल कन्ज्यूमर गुड्स पर विशेष सेस लागू किया गया है।
1 जुलाई 2017 को देशभर में लागू हुआ था जीएसटी
बता दें कि केंद्र और राज्यों के उत्पाद शुल्क और वैट सहित बहुत से कर जीएसटी में मिला दिए गए हैं। वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 से ही देशभर में लागू कर दिया गया था। उस वक्त 1200 से अधिक वस्तुओं और 500 से अधिक सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण किया गया था। वहीं कुछ वस्तुओं पर कर की दरों को लेकर सामने आई कुछ मांगों को ध्यान में रखते हुए कुछ वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन भी किया गया और कुछ को छूट के दायरे में रखा गया। इसके अंतर्गत बनाई गई काउंसिल कई बैठकें कर चुकी है। मौजूदा समय में देश के भीतर जीएसटी के अंतर्गत 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की चार टैक्स दरें हैं।
Created On :   27 April 2018 7:28 PM IST