Economy: अमेरिकी-ईरान तनाव से भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर सपने को लग सकता है झटका
- प्रधानमंत्री मोदी के इकोनॉमिक सपने को झटका लग सकता है
- भारत अपनी कुल जरूरत का 80% तेल आयात करता है
- सुलेमानी की मौत पर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर शुक्रवार 3 जनवरी की सुबह ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी हवाई हमले में मारा गया। इसके बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की स्थिति गरमा रही है। दोनों देशों के बीच उभरे तनाव का भारत पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है। पहले से सुस्त चल रही देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और धीमी पड़ सकती है। यूं तो भारत ईरान से तेल आयात बंद कर चुका है, लेकिन भारत के व्यापार में ईरान की महत्वपूर्ण जगह है। पिछले दो साल में ईरान के साथ व्यापार में खासी बढ़ोतरी हुई है।
निर्यात बढ़ने में सब्जी, चीनी और कन्फैक्शनरी और पशु चारे का अहम योगदान है, जबकि आयात बढ़ने में मिनरल फ्यूल, ऑयल और केमिकल का अहम योगदान है। 2018-19 में भारत से ईरान का निर्यात 18% बढ़ा है। जबकि आयात में 20% की तेजी आई है। इससे पिछले वर्ष 2017-18 में भारत से ईरान को निर्यात 7% की रफ्तार से बढ़ा था। ऐसे में अमेरिका-ईरान तनाव की स्थिति भारत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस घटनाक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के सपने को झटका लग सकता है। वजह, भारत अपनी कुल जरूरत का 80% तेल आयात करता है। आर्थिक संकट से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था अभी महंगे तेल के बोझ को उठा पाने में सक्षम नहीं है। यदि अमेरिका ने ईरान और इसके आसपास हमले किए तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे। भारत को घरेलू जरूरत की पूर्ति के लिए महंगा तेल खरीदना पड़ेगा।
सोना 485 रुपए और चांदी 855 रुपए महंगी हुई
दिल्ली में सोना बुधवार को 485 रुपए महंगा होकर 41,810 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर बिका। चांदी 855 रुपए महंगी हुई। यह 49,530 रुपए प्रति किलो ग्राम पर बिकी। सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत बुधवार को प्रति आउंस 30 डॉलर बढ़कर 1,605 डॉलर के स्तर तक पहुंच गई। बाद में ऊपरी स्तरों पर मुनाफा वसूली से यह गिरकर 1,580 डॉलर प्रति आउंस पर आ गई।
Created On :   9 Jan 2020 11:41 AM GMT