अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष 2024: ऊँटनी के दूध मूल्य श्रृंखला को सशक्त बनाने की ओर एक कदम
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- यह आयोजन ऊँटों की घटती जनसंख्या, उनके संरक्षण, और ऊँटनी के दूध के औषधीय और पोषण संबंधी लाभों पर केंद्रित था।
- ऊँटनी के दूध के महत्व को उजागर करने के लिए राजस्थान के बीकानेर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष 2024 (IYC-2024) के कार्यक्रम ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
ऊँटनी के दूध के महत्व को उजागर करने के लिए राजस्थान के बीकानेर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष 2024 (IYC-2024) के कार्यक्रम ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह आयोजन ऊँटों की घटती जनसंख्या, उनके संरक्षण, और ऊँटनी के दूध के औषधीय और पोषण संबंधी लाभों पर केंद्रित था। इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत के अग्रणी ब्रांडों ने हिस्सा लिया। अद्विक फूड्स ने अपने नवीन ऊँटनी के दूध उत्पादों के साथ इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सभी का ध्यान आकर्षित किया।
अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष 2024 (IYC-2024)
संयुक्त राष्ट्र ने 2024 को अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष घोषित किया है, जिससे ऊँटों की सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य ऊँटों की घटती संख्या को रोकने और उनके महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलाना है।
बीकानेर में आयोजित इस कार्यक्रम में "कैमल मिल्क वैल्यू चेन" पर एक दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की गई। इसमें 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी अधिकारी, शोधकर्ता, किसान, और उद्योग विशेषज्ञ शामिल थे। इस दौरान ऊँटों की घटती संख्या पर चर्चा हुई और उनके संरक्षण के उपायों पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
1. ऊँटनी का दूध के औषधीय गुणों पर चर्चा
ऊँटनी का दूध पोषण से भरपूर होता है और इसमें कई औषधीय गुण हैं। इसे आंतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में जाना जाता है।
2. ऊँट की जनसंख्या में गिरावट
कार्यक्रम में DAHD की सचिव अल्का उपाध्याय ने ऊँटों की घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की और इसे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
3. रोचक गतिविधियां
कार्यक्रम के दौरान ऊँट दौड़ और ऊँट सजावट प्रतियोगिताओं जैसी गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
4. संयुक्त राष्ट्र का नारा
"रेगिस्तान और ऊँचाई के हीरो: लोगों और संस्कृति को पोषण देते हुए" के विषय के तहत इस कार्यक्रम ने ऊँटों के सामाजिक और आर्थिक योगदान को उजागर किया।
अद्विक फूड्स की भागीदारी
अद्विक फूड्स ने इस कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी से सभी को प्रभावित किया। कंपनी ने ऊँटनी के दूध से बने अपने उत्पादों को प्रस्तुत किया, जिनमें शामिल थे:
- ऊँटनी के दूध का पाउडर
- ऊँटनी के दूध का घी
- ऊँटनी के दूध की चॉकलेट
- ऊँटनी के दूध का मॉइश्चराइज़र
- ऊँटनी के दूध का साबुन
- ऊँटनी के दूध का चीज़
अद्विक के इन उत्पादों ने उपस्थित दर्शकों और विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया। ब्रांड के संस्थापक, श्री हितेश राठी, ने ऊँटनी के दूध और ऊँट पालन के क्षेत्र में कंपनी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी प्रस्तुतियों ने आयोजन के पैनलिस्टों को प्रभावित किया, और उन्हें दिल्ली में और चर्चाओं के लिए आमंत्रित किया गया।
अद्विक फूड्स की प्रमुख उपलब्धियां
1. ऊँटनी के दूध और ऊँचाई वृद्धि पर कहानी
श्री राठी ने ऊँटनी के दूध की ऊँचाई बढ़ाने वाली क्षमता पर एक प्रेरणादायक कहानी साझा की, जो दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रही।
2. नीति निर्माण पर सुझाव
श्री राठी ने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष की तरह मनाया जाए। इससे ऊँटों और उनके उत्पादों के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ेगी।
3. किसानों और ब्रांडों के लिए सहयोग
उन्होंने नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और किसानों के बीच एक मजबूत सहयोग स्थापित करने का सुझाव दिया, जिससे ऊँटनी के दूध उद्योग का विकास सुनिश्चित हो सके।
अन्य भारतीय ब्रांड्स की भागीदारी
कार्यक्रम में अन्य भारतीय ब्रांड्स की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। इन ब्रांड्स ने ऊँटनी के दूध और उससे जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देने में अपना योगदान दिया। इनमें प्रमुख रूप से अमूल, जिसने दोपहर के भोजन के दौरान ऊँटनी के दूध से बनी आइसक्रीम परोसी, कैमल करिश्मा, बाबुला नैचुरल, लोटस डेयरी, और सेल्को फाउंडेशन शामिल थे। इन ब्रांड्स की भागीदारी ने इस आयोजन को और अधिक समृद्ध और प्रभावशाली बनाया।
ऊँट संरक्षण में अद्विक की भूमिका
अद्विक फूड्स ऊँटनी संरक्षण और उनके दूध से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कंपनी ने ऊँट पालन को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू की हैं:
1. किसानों को सहायता
अद्विक किसानों को उन्नत संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे ऊँट पालन और दूध उत्पादन को बेहतर बनाया जा सके।
2. न्यायसंगत मूल्य
कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि किसानों को उनके दूध के लिए उचित मूल्य मिले, जिससे उनका आर्थिक सहयोग हो सके।
3. ऊँटनी के दूध के लाभों का प्रचार
अद्विक ऊँटनी के दूध के औषधीय और पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता फैलाकर उपभोक्ताओं को इसे अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
ऊँट जनसंख्या में वृद्धि के क्षेत्रीय प्रयास
1. राजस्थान
यह राज्य भारत में ऊँटों की सबसे बड़ी जनसंख्या का घर है। बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, और पाली जैसे जिलों में ऊँट संरक्षण और उनके दूध से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
2. गुजरात
कच्छ और सौराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में ऊँटों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। अद्विक जैसी कंपनियों के प्रयासों ने यहाँ ऊँट पालन को बढ़ावा दिया है।
भविष्य की योजनाएं
अद्विक फूड्स अंतर्राष्ट्रीय ऊँट वर्ष 2024 और 2025 में ऊँटनी के दूध उद्योग के विकास और ऊँट संरक्षण में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाएगा। कंपनी का लक्ष्य ऊँट पालन को एक स्थायी और लाभदायक आजीविका बनाना है।
निष्कर्ष
ऊँटनी संरक्षण और उनके दूध के लाभों को बढ़ावा देने के लिए अद्विक फूड्स की पहल एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी नई उत्पाद श्रृंखला और किसानों के लिए आर्थिक सहायता ने ऊँट पालन को एक नए स्तर पर पहुँचाया है।
अद्विक फूड्स न केवल ऊँटनी के दूध उद्योग में बदलाव ला रहा है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक स्थायी और स्वस्थ दृष्टिकोण भी प्रस्तुत कर रहा है। उनके प्रयास इस क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मिसाल हैं।
Created On :   6 Jan 2025 1:07 PM IST