नए भारत का नया उत्तर प्रदेश: मक्के से बनेगा एथेनाल, किसान होगा खुशहाल
- आईजीएल के बिजनेस हेड एस के शुक्ल के नेतृत्व में शुरू हुई इथेनॉल बनाने की यूनिट
- भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बायो ईंधन के मिशन को पूर्ण करने हेतु अग्रसर
- एसके शुक्ल का लक्ष्य है कि पूर्वांचल औद्योगिक नगरी बने
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रतिदिन देश में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश मैं मक्के से इथेनॉल बनाए जाने की एक यूनिट शुरुआत हुई है, जिसमें आईजीएल के बिजनेस हेड एस के शुक्ल भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बायो ईंधन के मिशन को पूर्ण करने हेतु अग्रसर है। इस क्रम में एस के शुक्ल के नेतृव में समय समय पर किसान संगोष्ठी का आयोजन कराया जाता है और पूर्वांचल के दो जनपदों में ग्रीष्म ऋतु में भी मक्के की बुवाई कराई गई है। जहां इस मक्के से एथेनाल उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं किसानों को भी अच्छी आय होगी जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
इससे पहले भी पूर्व में एस के शुक्ल द्वारा कई सामाजिक क्षेत्रों में अभूतपूर्व सहयोग दिया जा रहा है तथा कुछ क्षेत्रों में तो सदैव इनका नाम स्मरण रखा जाएगा। जैसे, शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण तथा रोजगार के क्षेत्र में इनके नेतृत्व में पूरे पूर्वांचल में अविस्मरणीय कार्य कराए गए हैं। कुछ दिनों पूर्व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में फैक्ट्री के टेट्रा पैक के कचरे से निर्मित दो टेबल को आम जनमानस हेतु गोरखपुर रेलवे बोर्ड को प्रदान किया। इसके साथ ही एसके शुक्ल के नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने दिशा में भी लगातार कार्य किया जा रहा है। बिजनेस हेड एस के शुक्ल इसी पूर्वांचल की माटी से हैं और उनका लक्ष्य है कि पूर्वांचल औद्योगिक नगरी बने। यहां के किसान, नौजवान और महिलाएं सभी आत्मनिर्भर हों और इसी दिशा में शुक्ल राज्य सरकार के साथ मिलकर क्षेत्र का कायाकल्प कर रहे हैं। आज क्षेत्र में स्थापित प्रत्येक इकाइयों को आईजीएल से सीख लेते हुए क्षेत्र के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करानी चाहिए।
बता दें कि एस के शुक्ल बिना भेदभाव के कार्य करते हैं और समाज के प्रत्येक तबके के लोगो को एक समान नजर देखते हैं। उनके दुखों को दूर करने का प्रयास करते हैं। आज जहां पूर्वांचल में किसान ग्रीष्म ऋतु में मक्के की खेती की कल्पना नहीं कर सकते थे वही एस के शुक्ल के मार्गदर्शन में किसान मक्के की बुवाई कर रहे हैं। ये लहलहाती हुई फसलें कह रही है कि वो दिन दूर नही जब पूर्वांचल का किसान यहां का भाग्य विधाता बनेगा। एस के शुक्ल के इस प्रयास और मेहनत को इतिहास में सदैव स्मरण किया जाएगा और इसे समृद्धता का आंदोलन कहा जायेगा। जिसमें सभी को समृद्ध होने और आगे आने का सामान अवसर प्रदान किया जायेगा। इस कार्य में एस के शुक्ल के नेतृव में एम बी इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन,ट्रस्ट के संस्थापक अमिताभ पांडे लगातार किसान संपर्क अभियान चला रहे है। वह किसानों को मक्के की खेती हेतु प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं।