मध्यप्रदेश: प्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहरों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयासरत है पर्यटन विभाग- प्रमुख सचिव श्री शुक्ला
- मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने तेज किए प्रयास
- भेड़ाघाट-लमेटाघाट डोजियर की समीक्षा के लिए हुई कार्यशाला
- नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट को वैश्विक मान्यता दिलाने का है लक्ष्य
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भेड़ाघाट-लमेटाघाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिये मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने प्रयास तेज कर दिये है। नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट डोजियर की समीक्षा के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) द्वारा एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को एमपीटी पलाश रेजीडेंसी में किया गया।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश के अधिक से अधिक स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल कराने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश पुरातात्विक, भूवैज्ञानिक और प्राकृतिक महत्व के स्थलों से समृद्ध है। उन्हें प्रचारित करने एवं यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि हमें खुशी है कि यूनेस्को की अस्थायी सूची में 11 और स्थायी सूची में 3 स्थल हैं। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिलने से और काम करने की प्रेरणा मिली है।
परामर्श कार्यशाला में पीसीसीएफ एवं फॉरेस्ट फोर्स के प्रमुख असीम श्रीवास्तव, पीसीसीएफ (वन्यजीव) शुभरंजन सेन, अतिरिक्त प्रबंध संचालक पर्यटन बिदिशा मुखर्जी (आई.ए.एस.), उप महानिदेशक एएसआई शुभरुचि सरकार, डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिक डॉ. गौतम तालुकदार सहित जीएसआई, वन विभाग, एएसआई, एनवीडीए, भेड़ाघाट नगर पालिका के अधिकारी सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि नर्मदा घाटी में, विशेषकर जबलपुर के भेड़ाघाट-लमेटघाट क्षेत्र में, कई डायनासोर के जीवाश्म पाए गए हैं, जिसे प्राकृतिक श्रेणी में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा डब्ल्यूआईआई के सहयोग से भेड़ाघाट-लमेटाघाट का नामांकन डोजियर तैयार करने की पहल की जा रही है।