बिहार पुल टूटा: बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी, भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल तीसरी बार ढहा, जानिए इससे पहले कब गिरा था ब्रिज
- बिहार के भागलपुर में भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल ध्वस्त
- तीसरी बार गंगा नदी में जा समाया सेतु
- एसपी सिंगला कंपनी कर रही है पुल का निर्माण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के भागलपुर में सुलतानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहा फोरलेन पुल लगातार तीसरी बार टूटकर नदी में गिर गया है। यह घटना शनिवार सुबह की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बन रहा यह ब्रिज खगड़िया और भागलपुर जिले को जोड़ने के लिए निर्मित किया जा रहा है। इस पुल का निर्माण पुल एसपी सिंगला कंपनी कर रही है। लेकिन शनिवार सुबह इस पुल का एक हिस्सा अचानक से गिर गया।
जब यह हिस्सा गिरा तो तेज आवाज आई और इसके गिरने से पानी करीब 100 फीट ऊंचा उछल गया। जिससे नदी के नमामि गंगे घाट पर स्नान कर रहे कांवड़िये भी पानी से निकल गए। आपको बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब इस पुल का कोई हिस्सा टूटकर गिरा है, इससे पहले भी दो बार यह पुल गिर चुका है।
पिलर नंबर 9 और 10 के बीच का हिस्सा गिरा
सुल्तानगंज से अगुवानी घाट की तरफ से पिलर नंबर 9 और 10 के बीच का हिस्सा गंगा नदी में जाकर गिरा। सेतु ढहने की घबर मिलते ही पुल निर्माण कर रही एसपी सिंगला कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी फरार हो गए। बिहार में लगातार पुल ढहने के सिलसिले को लेकर प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
4 जून 2023 को गिरा था पुल
बिहार में पुल गिरने के मामले हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल आज से पहले भी दो बार ध्वस्त हो चुका है। इससे पहले 4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी गंगा घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 अचानक गिरकर नदी में समा गए थे। इस हादने में ब्रिज पर ड्यूटी कर रहे 2 गार्ड लापता हो गए थे।
27 अप्रैस को भी गिरा था पुल
आपको बता दें कि, 27 अप्रैल 2022 को इसी ब्रिज का सुपर स्ट्रक्टर आंधी-बारिश के चलते गिर कर बह गया था। हालांकि, इस हादसे में कोई घायल या मारा नहीं गया था।
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3.160 किलोमीटर है पुल की लंबाई
भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रोजेक्ट का आरंभिक मूल्यांकन 1710.77 करोड़ किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया था। इस पुल और सड़क निर्माण के चलते एनएच 31 और एनएच 80 जुड़ जायेंगे। इस पुल की कुल लंबाई 3.160 किलोमीटर बताई जा रही है। वहीं, एप्रोच पथ की लंबाई लगभग 25 किलोमीटर है।