सुरक्षा पर सवाल: डॉक्टर की सिक्युरिटी के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी स्वयं सुरक्षित नहीं, मरीज के परिजनों ने की हुज्जत

  • इमरजेंसी यूनिट में उपद्रवियों से निपटने सिर्फ एक गार्ड तैनात
  • 2 उपद्रवियों को अस्पताल चौकी पुलिस ने पकड़ा
  • कार्रवाई के लिए भेजा गया था कोतवाली थाने

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 03:24 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ घटित अपराध के बाद चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन सतर्क है। जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है या नहीं, इसकी जांच के लिए रोज प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंच रहे है। अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा गार्ड भी बढ़ाएं है, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी स्वयं सुरक्षित नहीं है।

इमरजेंसी यूनिट में तैनात सुरक्षाकर्मी प्रकाश दौडक़े के साथ शराब के नशे में धुत मरीज के परिजनों ने विवाद किया। बड़ी बात यह है कि इमरजेंसी यूनिट के पास ही पुलिस चौकी है। इसके बाद भी उपद्रवियों के हौसले इतने बुलंद थे कि वे सुरक्षाकर्मी से मारपीट पर आमादा थे। पुलिस हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

अस्पताल चौकी पुलिस ने दबोचा

सुरक्षाकर्मी से मारपीट कर रहे दो उपद्रवियों को अस्पताल चौकी पुलिस ने पकड़ा था। कार्रवाई के लिए दोनों को कोतवाली थाने भी भेजा गया था। हालांकि बाद में उपद्रवियों ने माफी मांगकर मामला खत्म कर लिया। सुरक्षाकर्मी पर हमले होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

रात के वक्त ज्यादा संवेदनशील स्थिति

इमरजेंसी यूनिट में रात के वक्त मरीजों के साथ आने वाले परिजन अक्सर शराब के नशे में होते है। ऐसे शराबियों से निपटने यहां सिर्फ एक गार्ड होता है। इमरजेंसी यूनिट में सुरक्षाकर्मी और अस्पताल चौकी में स्टाफ बढ़ाने से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा सकती है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इमरजेंसी यूनिट में अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित होती है। अस्पताल में गार्ड की संख्या बढ़ाने प्रस्ताव बनाया गया है। सुरक्षाकर्मी बढऩे पर उपद्रवियों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।

डॉ.हर्षवर्धन कुड़ापे, आरएमओ, जिला अस्पताल

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