मध्यप्रदेश: जल संरक्षण पर राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने दिया बयान, कहा - लोगों से जल के सदुपयोग और बचाव पर दिया जोर

  • जल संरक्षण पर बोले राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल
  • लोगों से जल का सदुपयोग और बचाव का किया आग्रह
  • अनूपपुर में “जल-गंगा संवर्द्धन” अभियान में हुए शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-07 17:51 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि जल, पृथ्वी, पर्वत, नदी, पेड़-पौधों में जीवंतता है और वे हमारे लिए पूज्यनीय हैं। "जल गंगा संवर्धन" अभियान के अंतर्गत सभी लोग एकजुट होकर जितना हो सके जल का संरक्षण एवं संवर्धन अवश्य करे और अपनी भावी पीढ़ी को विशेष उपहार दें, जिससे उन्हें जल संकट का सामना न करना पड़ें। महसूस ना हो। उन्होंने कहा कि पेड़ और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। पेड़ों के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं तथा बदले में हम उन्हें कार्बनडाई ऑक्साइड गैस देते हैं, जो पेड़-पौधे गृहण करते हैं। हम सभी के जीवन में पेड़-पौधों का भी विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग में "जल गंगा संवर्धन अभियान" के दौरान जल-स्रोतों के संरक्षण और साफ-सफाई के साथ-साथ इन स्थानों पर पौधरोपण को प्रोत्साहित किया जाए। जायसवाल ने शुक्रवार को जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलाये जा रहे जल-गंगा संवर्धन अभियान में अनूपपुर जिले की नगर पालिका कोतमा के वार्ड नंबर-7 में पुरनिहा तालाब की स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। जायसवाल ने कहा कि जल है तो ही हमारा जीवन है। जल का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के सहयोग के बिना यह अभियान संभव नहीं है। सबको आगे आकर जल संवर्धन एवं संरक्षण हेतु प्रयास करना होगा।

कमिश्नर शहडोल बी.एस. जामोद ने कहा है कि जल प्रकृति का दिया हुआ अद्भुत वरदान है, इसे संरक्षित करना हम सभी का परम कर्तव्य है। हम सभी जानते हैं कि जल है तो कल है, हम सभी का जीवन जल के बिना संभव नहीं है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल श्री डी.सी. सागर ने कहा कि जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी जनभागीदारी से जल स्त्रोतों को सहेजने उनकी साफ-सफाई और उनके आस-पास वृक्षारोपण करें।

अनूपपुर के ग्राम गोहण्ड्रा में "जल गंगा संवर्धन" अभियान में भी शामिल हुए

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल ने जनपद पंचायत कोतमा की ग्राम पंचायत गोहण्ड्रा में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलाये जा रहे जल-गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जो हमारे चारों ओर फलदार पेड़ हैं, वह हमारे पूर्वजो ने लगाए थे और उसका फल आज हम प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार हम ऐसा कार्य करें, जिसका लाभ हमारी आने वाली पीढ़ी को मिले। उन्होंने कहा कि नदी और तालाब हमारे सुख-दुख के साथी हैं। तालाब और वृक्ष के बिना हमारा कोई कार्य पूर्ण नहीं होता है। जल एवं वृक्ष हमारे सामाजिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर है, इनका संरक्षण हमारा परम कर्तव्य है। राज्यमंत्री जायसवाल ने गोहण्ड्रा के रामसागर तालाब में "जल-गंगा संवर्धन" अभियान के अंतर्गत श्रमदान घर पौधारोपण किया तथा प्रकृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के संदेश देते हुए कहा कि सभी लोग वर्ष में एक पौधा अवश्य लगाएं, जिससे हमारा पर्यावरण बेहतर हो सके। राज्यमंत्री ने तालाब का गहरीकरण वैज्ञानिक पद्धति से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि गहरीकरण कार्य पूरी गंभीरता के साथ कराया जाये।

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