परिवारवाद को लेकर भाजपा के निशाने पर कांग्रेस, पर बिसेन इसे गलत नहीं मानते

  • राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष अपनी बेटी को लड़ाना चाहते हैं चुनाव
  • मिल सकता है दूसरे मंत्रियों का भी साथ!

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-09 08:54 GMT

डिजिटल डेस्क, जबलपुर, कपिल श्रीवास्तव। भाजपा का प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन हमेशा से राजनीति में परिवारवाद को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिये रहा है। लेकिन भाजपा के वरिष्ठ विधायक तथा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन पार्टी की इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। वे कहते हैं कि ‘राजनीति में पिता या मॉं की विरासत उनका बेटा या बेटी ही आगे बढ़ाएंगे और यदि उसके पास कुशल राजनीतिक अनुभव हो तो फिर उसे मौका क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।’ यह बात दीगर है कि जिले की लगभग हर विधानसभा सीट पर परिवारवाद हावी होने के बावजूद बिसेन द्वारा अपनी सीट बालाघाट से बेटी मौसम हरिनखेड़े को चुनाव लड़ाये जाने का पार्टी के अंदर ही विरोध है। बिसेन के प्रभाव और जिले की राजनीति में वर्चस्व के कारण यह विरोध खुल कर सामने नहीं आ पा रहा है लेकिन मौसम को पार्टी का कार्यकर्ता सहजता से स्वीकार भी नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि करीब साल भर से बिसेन जन व तंत्र से संपर्क और संवाद में हर दिन 12 से 14 घंटे दे रहे हैं। वजन भी करीब बारह किलो कम हो गया है। कुछ ऐसा ही प्रदेश के तीन और मंत्री, एक केन्द्रीय मंत्री तथा एक पूर्व मंत्री भी चाहते हैं। ये सब पुत्र मोह में बंधे हैं और अपने बेटों को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना कर आगे लाना चाहते हैं।

दो तरफा बिसात बिछाई

एक साल भीतर पचास से अधिक बार विधानसभाअ चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान कर चुके 71 वर्षीय गौरीशंकर बिसेन ने अपनी बेटी को चुनाव लड़ाने दो तरफा बिसात बिछा रखी है। बालाघाट के साथ कटंगी विधानसभा क्षेत्र में भी वे सतत सक्रियता बनाये हुए हैं ताकि बालाघाट में बेटी के नाम पर अधिक विरोध हो या फिर कांग्रेस प्रत्याशी के सामने संगठन को मौसम कमजोर प्रत्याशी नजर आएं तो उसे कटंगी से लाते हुए बिसेन बालाघाट में स्वयं मोर्चा संभालेंगे। एक ही परिवार के दो लोगों को टिकट की बात जरूर संगठन के लिए बड़ी चुनौती होगी लेकिन स्वयं की गारंटी और गुजरात (7) तथा कर्नाटक (20) में टिकट वितरण के उदाहरणों के बूते संगठन की मुश्किल आसान करने की राह भी इन्होंने तलाश रखी है। चुनावी तैयारियां तक बहुत आगे तक की कर रखी हैं। तीन हजार बूथों के लिए तीस हजार झंडों और डंडों का इंतजाम किया जा चुका है और तीस हजार घरों में 90 हजार किलो आम भी वे अब तक बांट चुके हैं।

इन सबका भी मिल सकता है साथ

परिवारवाद का मुद्दा ताक पर रखने के मसले पर बिसेन को अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा शिवराज कैबिनेट के सदस्य गोपाल भार्गव, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया का भी साथ मिल सकता है। कारण, ये पांचों अपने बेटों को चुनाव लड़ाने की 2018 से तैयारी कर रहे हैं। बहुत संभव है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी बिसेन सहित भार्गव, राजपूत, सिलावट, मलैया व तोमर को साथ मिल जाए क्योंकि ये दोनों भी अपने बेटों कार्तिकेय और महाआर्यमन को राजनीति में लाने की इच्छा रखते हैं

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