जुन्नारदेव बीईओ दफ्तर में गड़बड़ी: डेढ़ करोड़ के घोटाले में दो बीईओ की भूमिका संदिग्ध, खुलासा आज
- पांच साल के रिकॉर्ड में भ्रष्टाचार
- डेढ़ करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी
- पुराने रिकॉर्ड और खोलेंगे राज
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जुन्नारदेव बीईओ कार्यालय में हुए करोड़ों के घोटालों पर से आज पर्दा उठेगा। जबलपुर टीम की पूरी जांच दो बीईओ पर आकर टिकी है। 2018 से लेकर 2023 तक के रिकॉर्ड मेें एक से एक गड़बडिय़ां जांच में सामने आई है। इस प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर से लेकर रिकवरी भी की जाएगी।
जबलपुर की स्पेशल जांच टीम पिछले एक सप्ताह से जुन्नारदेव में डेरा डाले हुए है। पांच सालों के रिकॉर्डों को खंगालने के बाद तकरीबन डेढ़ करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है। आज अधिकारी मीडिया से बातचीत करते हुए पूरी गड़बड़ी का खुलासा करेंगे। बताया जा रहा है कि महज पांच साल के रिकॉर्डों की जांच में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आ चुका है। 2018 के पहले के रिकॉर्डों की जांच हुई तो गड़बड़ी का ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। नियमों को ताक में रखकर यहां पदस्थ रहे पूर्व के बीईओ, बाबूओं ने मिलकर शासन को करोड़ों की चपत लगाई।
जांच में ये निकली गड़बडिय़ां
- अशासकीय व्यक्तियों के खाते में मृत कर्मचारियों का वेतन और अन्य राशियों का भुगतान कर दिया गया।
- गलत आईडी बनाकर अतिथि शिक्षकों की राशि इन खातों में डाली गई। अतिथि शिक्षकों को पैसा ही नहीं दिया गया।
- जिन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती ही नहीं हुई। उन स्कूलों में भी फर्जी नाम दर्शाकर अतिथियों के वेतन का आहरण कर लिया गया।
- कर्मचारियों की मृत्यु के बाद भी उनका वेतन आहरित किया जाते रहा। निजी खातों में राशि डलवाई गई।
- कर्मचारियों की छुट्टियों को बढ़ाकर राशि निकाली गई। जबकि कर्मचारियों को इनकी खबर तक नहीं थी।
- अधिकांश गड़बड़ी ग्रामीण शालाओं में पदस्थ एससी व एसटी केटेगरी के कर्मचारियों के साथ की गई।