लू से बचें: जन-समुदाय लू के प्रकोप से बचाव के लिये करें उपाय
- एडवायजरी जारी की गई
- प्रभाव लक्षण प्राथमिक उपचार
- लू से बचाव के लिये सावधानी अपनाने की दी गई सलाह
डिजिटल डेस्क,पन्ना। भारतीय मौसम विभाग ने चल रहे मौसमी दृष्टिकोण को देखते हुए प्रदेश सहित समस्त मध्य भारत में अप्रैल-मई 2024 का तापमान औसत तापमान से अधिक होने की संभावना व्यक्त की है। इसके कारण प्रदेश के अधिकांश भागों में लू तापघात की स्थिति निर्मित हो सकती है। मौसम विभाग ने लू के प्रभाव, लक्षण और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी है। गृह विभाग के मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस संबंध में प्रदेश स्तर पर विभिन्न विभागों और जिलों को आवश्यक कार्रवाई के लिये निर्देश जारी किये है। इस क्रम में जिला कलेक्टर द्वारा भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रभाव लक्षण प्राथमिक उपचार
सूर्य दाह त्वचा पर लाल चकत्ता, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि प्रभावित व्यक्ति को बार-बार नहलाएं। यदि फफोले निकल आएं हों तो स्टरलाइज, ड्रेसिंग करें और चिकित्सक का परामर्श लें। ताप के कारण शारीरिक ऐठन पैरों, पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ, शरीर में ऐंठन और अत्यधिक पसीना आना प्रभावित को छायादार स्थल पर तत्काल ले जाएं। ऐठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबाए तथा धीरे-धीरे सहलाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उल्टी आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं। अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिचाव अत्यधिक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर गीला और ठंडा होना तथा पीला पड जाना, सिर दर्द, नब्ज कमजोर पड जानाए मूर्छित हो जाना। प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडे एवं गीले कपडे से स्पंजिंग करें। संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरे में ले जाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उबकाई आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं। ताप-दाह अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी त्वचा, तेज नब्ज और बेहोशी हो सकती है। यह अत्यंत चिंताजनक एवं चिकित्सा की दृष्टि से आपात स्थिति है। तत्काल 108 चिकित्सा वाहन को बुलाएँ और प्रभावित को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएँ। एम्बूलेंस आने तक प्रभावित व्यक्ति को वातानुकूलित स्थान पर ले जाएँ। कपडों को ढीला कर आरामदेह स्थिति में लिटाएँ। प्रभावित व्यक्ति के शरीर पर ठंडे एवं गीले कपडे से स्पंजिंग करें। किसी भी प्रकार का पेय पदार्थ पीने को नहीं दें आवश्यकतानुसार सीपीआर शुरू करें।
लू से बचाव के लिये सावधानी अपनाने की दी गई सलाह
मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लू से जन-सामान्य के बचाव के लिये समस्त जिला प्राधिकरणों तथा लू प्रबंधन से संबंधित समस्त विभागों द्वारा प्रदेश में संभावित लू के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिये विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही सलाह दी गई है कि पानी, छाछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन कर तरोताजा रहें। यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपडे, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। सूती, ढीले एवं आरामदायक कपडे पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें। अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें। गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें। इस संबध में जिले के विभिन्न विभागों को उनके कार्य क्षेत्र अनुसार लू के मौसम में अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं जिसमें जिला आपदा प्राधिकरण, मौसम विज्ञान केन्द्र, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्रम विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, वन विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, पशुपालन विभाग, पुलिस, आपदा प्रबंधन संस्थान, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग शामिल है।
लोकसभा चुनाव के दौरान व्यवस्था
राज्य स्तर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में मतदान में संलग्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये लू पर दिशा-निर्देश जारी किये जायें। राजनीतिक दलों के कार्यकर्मों मे लू प्रबंधन के लिये दिशा-निर्देश जारी किये जायें। मतदानकर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान लू से बचने के लिये फस्र्ट एड की व्यवस्था की जाये।