हॉलमार्क सेंटर और ज्वेलर्स की मिलीभगत से भरी जा रही तिजोरी
सोने में सेंध हॉलमार्क सेंटर और ज्वेलर्स की मिलीभगत से भरी जा रही तिजोरी
सुनील हजारी , नागपुर । सोना कितना शुद्ध है, इसे जानने के लिए कोई भी ग्राहक बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) का हॉलमार्क देखता है। इसकी संतुष्टि के बाद ही निश्चिंत होकर गहने खरीदे जाते हैं। ऐसे में जब आपको पता चले कि हॉलमार्क सेंटर और ज्वेलर्स के बीच मिलीभगत से हॉलमार्क ही मैनेज किया जा रहा है, तो आपका होश उड़ना तय है। ऐसे ही गठजोड़ को खुद बीआईएस ने पकड़ा है। इस संबंध में एक गोपनीय रिपोर्ट बनाकर संबंधित लोगों के लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट में एक हॉलमार्क सेंटर के साथ छह ज्वेलर्स के नाम हैं।
जांच में पता चला सब मिलीभगत से चल रहा है काम : पूरे मामले में खास बात यह है कि बीआईएस ही हॉलमार्क एजेंसी तय करती है। हालांकि ये प्राइवेट व्यक्ति होता है, जिसका काम ज्वेलर्स की तरफ से आई ज्वेलरी पर हाॅलमार्किंग करनी होती है। इसमें सभी ज्वेलरी की जांच नहीं होती, एक लॉट में से किसी एक ज्वेलरी को उठाकर उसकी जांच की जाती है और उसके आधार पर पूरे लॉट की हाॅलमार्किंग की जाती है। इसमें ज्वेलर्स को एक सर्टिफिकेट देना पड़ता है कि सभी ज्वेलरी एक ही लॉट से बनी है। ऐसे में मिलीभगत होने पर पूरे लॉट में एक मात्र सही शुद्ध ज्वेलरी को देकर अन्य अशुद्ध ज्वेलरी पर भी हॉलमार्क लिया गया, जो इन मामलों में सामने आया। हालांकि अधिकांश ऐसा नहीं करते हैं। उल्लेखनीय है कि बीआईएस ने दो दिन पहले नागपुर सहित महाराष्ट्र के 6 स्थानों पर छापे मारकर 1.50 करोड़ से अधिक कीमत का जाली हॉल मार्क वाला सोना पकड़ा था।
इन नामों का खुलासा : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस गठजोड़ में छह ज्वेलर्स और एक हॉलमार्क सेंटर की जानकारी लगी है। इसमें नागपुर के निकालस मंदिर रोड स्थित राजलक्ष्मी ज्वेलर्स और एस.बी. हॉलमार्क सेंटर के साथ विदर्भ के कुलसुम ज्वेलर्स, नालगे ज्वेलर्स, साहने ज्वेलर्स, डोमरे ज्वेलर्स, महालक्ष्मी ज्वेलर्स शामिल हैं। इसकी जानकारी के आने के बाद विभाग ने तत्काल एस.बी.हॉलमार्क सेंटर इतवारी का बीआईएस हॉलमार्क सेंटर सस्पेंड कर दिया और अन्य ज्वेलर्स का बीआईएस सर्टिफिकेट रद्द करने की कागजी कार्रवाई शुरू कर दी। संबंधित सभी को नोटिस भी जारी िकए गए।
बचने की तरकीब काम नहीं आई : इस मामले में सूत्रों के अनुसार, जब राजलक्ष्मी ज्वेलर्स की ज्वेलरी बीआईएस की जांच में प्योर नहीं निकली तो एस.बी.हॉलमार्क सेंटर से यह लिखवाकर लिया गया कि एक कर्मचारी की गलती से ऐसा हो गया था। हालांकि विभाग ने जांच में इसे खारिज कर दिया।
सभी पर कार्रवाई होती है : बीआईएस का काम लोगों को हर तरह की मिलावट से बचाना है। सोने के मामले में भी यही प्राथमिकता है। ज्वेलर्स के यहां मिलने वाली ज्वेलरी कितनी प्योर है, इसकी जांच हम समय-समय पर करते हैं। दोषी पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई भी होती है। गलत होने पर ऐसे ज्वेलर्स के साथ हम हॉलमार्क सेंटर पर भी कार्रवाई करते हैं -हेमंत आडे, क्षेत्रीय प्रमुख भारतीय मानक ब्यूरो, नागपुर
हॉलमार्क सेंटर की गलती से मेरे सैंपल प्योर नहीं निकले : जिस ज्वेलरी को बीआईएस ने जांच में प्योर नहीं पाया, उसकी हॉलमार्किंग एस.बी.हॉलमार्क सेंटर से की गई थी। वहां के एक कर्मचारी की गलती से ऐसा हो गया। इसके कारण यह स्थिति बनी है। उसने हमें एक पत्र भी दिया है, जिसमें गलती स्वीकारी है। -विजय सावरकर, संचालक, राजलक्ष्मी ज्वेलर्स
हमारी गलती नहीं थी, पत्र का ध्यान नहीं : बीआईएस ने हमारे हॉलमार्क सेंटर को सस्पेंड कर दिया है। जिस ज्वेलर्स की ज्वेलरी के आधार पर यह कार्रवाई हुई, उसमें मेरा कोई रोल नहीं था। जैसी ज्वेलर्स के यहां से ज्वेलरी आई थी, उसी के आधार पर हाॅलमार्किंग की थी। मैने कोई पत्र दिया है, यह मुझे याद नहीं। मुझे फंसाया जा रहा है। -भरत भाई, संचालक, एस.बी. हॉलमार्क सेंटर