अंतरराष्ट्रीय: भारतीय अर्थव्यस्था मजबूत, अमेरिकी चुनाव के नतीजों से नहीं होगी प्रभावित डॉ. एसपी शर्मा

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे क्या भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं? यह सवाल भारत में पूछा जा रहा है लेकिन प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. एसपी शर्मा का मानना है कि भारतीय अर्थव्यस्था बेहद मजबूत है और अमेरिका में किसी राजनीतिक बदलाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने एक और 'ग्रेट डिप्रेशन' आने की संभावनाओं को नकार दिया। बता दें आज अमेरिका के करोड़ो मतदाता अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 14:16 GMT

नई दिल्ली, 5 नवंबर, (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे क्या भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं? यह सवाल भारत में पूछा जा रहा है लेकिन प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. एसपी शर्मा का मानना है कि भारतीय अर्थव्यस्था बेहद मजबूत है और अमेरिका में किसी राजनीतिक बदलाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने एक और 'ग्रेट डिप्रेशन' आने की संभावनाओं को नकार दिया। बता दें आज अमेरिका के करोड़ो मतदाता अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं।

डीएसजी, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, डॉ. शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर इकॉनमी है पिछले कुछ वर्षों में उनकी अर्थव्यवस्था को कुछ परेशानियां झेलनी पड़ी लेकिन अब सब ठीक चल रहा है। नए राष्ट्रपति के बनने का मार्केट पर थोड़े समय के लिए असर पड़ सकता है लेकिन लंबे समय के लिए इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि मार्केट की रफ्तार इकॉनोमी के साथ चलती है। इकॉनोमी में जिस तरह की डेवलपमेंट होंगी उसी तरह से मार्केट चलेगी।'

डॉ. शर्मा ने कहा, 'भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। तेजी से विकसित हो रही है इंडियन इकॉनमी पर कोई बड़ा खतरा भी नहीं है। अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति बने भारत की इकॉनमी की रफ्तार पर असर नहीं पड़ने वाला है।'

डॉ. शर्मा ने फिर से 'ग्रेट डिप्रेशन' के आने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "अर्थव्यवस्थाएं रिकवर कर रही है। वर्ल्ड ग्रोथ 2.5 से 3 फीसदी के बीच है। हमारी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छे से चल रही है। कोरोना के टाइम में भी भारतीय अर्थव्यस्था पर कोई बड़ा असर नहीं हुआ। कोविड के बाद हमने तेजी से रिकवरी की। इसलिए एक और 'ग्रेट डिप्रेशन' की कोई संभावना नहीं है।"

इससे पहले आईएएनएस से बातचीत में एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक नरिंदर वाधवा ने भी ग्रेट डिप्रेशन की संभावनाओं से इनकार किया। उन्होंने कहा, ग्रेट डिप्रेशन के कोई संकेत नहीं है, हम हर महीने 2 लाख करोड़ तक जीएसटी इक्ट्ठा कर रहे हैं। यूएस की इकॉनमी में भी ग्रोथ है। डिमांड कम है लेकिन उसका मतलब डिप्रेशन नहीं होता है। अब हर सरकार चाहती है कि ऐसा न हो इसलिए पहले से ही एक्शन ले लेती हैं।'

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