आष्टी-चामोर्शी महामार्ग के पुल की रेलिंग चोरी
घटनाएं बढ़ीं आष्टी-चामोर्शी महामार्ग के पुल की रेलिंग चोरी
संदीप जोरगलवार | आष्टी (गड़चिरोली) । दक्षिण गड़चिरोली के नागरिकों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए आष्टी-चामोर्शी महामार्ग का ही सहारा लेना पड़ता है। लोक निर्माण विभाग ने इस महामार्ग के विभिन्न पुलों पर रेलिंग लगाकर दुर्घटनाएं रोकने का प्रयास किया है। लेकिन इसी विभाग की निरंतर अनदेखी के कारण ही यह रेलिंग अज्ञात चोरों ने चुरा ली है। जिसके कारण रात के दौरान इस महामार्ग पर सड़क हादसों का प्रमाण बढ़ गया है। बावजूद इसके अब तक लोक निर्माण विभाग ने इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया है।
उल्लेखनीय यह है कि, इसी महामार्ग पर स्थित कोनसरी गांव से सटी जगह पर लॉयड्स एंड मेटल्स कंपनी की ओर से लोह परियोजना का निर्माणकार्य किया जा रहा है। जिसके कारण इस परियोजना के लिए ट्रकों की आवाजाही बढ़ गयी है। साथ ही जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए यही एकमात्र महामार्ग होने के कारण हर आये दिन इस मार्ग पर यातायात अधिक होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोनिवि ने सड़क के विभिन्न पुलों पर रेलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी थी। आष्टी-चामोर्शी महामार्ग पर स्थित उमरी नाले के पास और कोनसरी-सोमनपल्ली के बीच क्रॉसिंग पर भी विभाग ने रेलिंग लगायी थी। रात के दौरान इन रेलिंग के कारण सड़क हादसों को रोका जाता है। इस रेलिंग पर विभिन्न प्रकार के रेडियम भी लगाए होते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से अज्ञात चोरों ने इन्हीं रेलिंग को अपना निशाना बनाया है। वर्तमान में इस महामार्ग के किसी भी पुल पर पर्याप्त रेलिंग शेष नहीं है। अमूनन सभी रेलिंग अज्ञात चोरों ने चुरा ली है।
कोनसरी परियोजना के चलते ट्रकों की आवाजाही बढ़ जाने और रेलिंग चोरी हो जाने के कारण इन दिनों इस महामार्ग पर सड़क दुर्घटनाआंे का प्रमाण बढ़ गया है। उमरी नाले पर दोनों बाजू में लगायी गयी रेलिंग पूरी तरह टूट गयी है। जबकि, कोनसरी-सोमनपल्ली क्रासिंग की रेलिंग साफ हो जाने के कारण इस महामार्ग पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। यहां बता दें कि, लाखों रुपये खर्च कर विभाग ने इस महामार्ग पर रेलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी है। लेकिन रेलिंग की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं होने से चोरियों का प्रमाण बढ़ गया है। पिछले एक माह में इस महामार्ग पर दर्जनों की संख्या में सड़क हादसे हुए हंै। लोगों को घायल हुए हंै। रेलिंग लगाने की मांग अब तक कई बार की गयी है। विभाग द्वारा इस गंभीर समस्या पर ध्यान देकर रेलिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस होने लगी है।