बयान: नीतीश कुमार ने कहा- बिहार में कोरोना जांच की संख्या बढ़ी है, रोजाना 1 लाख का लक्ष्य

बयान: नीतीश कुमार ने कहा- बिहार में कोरोना जांच की संख्या बढ़ी है, रोजाना 1 लाख का लक्ष्य

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-11 18:00 GMT
बयान: नीतीश कुमार ने कहा- बिहार में कोरोना जांच की संख्या बढ़ी है, रोजाना 1 लाख का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ली गई समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि बिहार में कोरोना की जांच की संख्या बढ़ाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें सफलता भी मिली है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में एक लाख से अधिक जांच करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा, हमलोग प्रतिदिन कोरोना संक्रमण जांच की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अब प्रतिदिन 75,346 जांच की जा रही है। 6,100 जांच आरटीपीसीआर मशीन द्वारा की जा रही है, जिसमें सरकारी जांच केंद्रों पर 4,900 और निजी जांच केंद्रों पर 1,200 जांच किए जा रहे हैं। 4,400 जांच ट्र-नेट मशीन द्वारा की जा रही है और 65 हजार जांच रैपिड एंटीजन किट्स के द्वारा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जांच की व्यवस्था की गई है। सभी कंटेनमेंट जोन में 100 प्रतिशत जांच कराई जा रही है। बाढ़ राहत केंद्रों और सामुदायिक रसोई केंद्रों पर भी सभी लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच का प्रबंध किया गया है।

नीतीश ने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि दो कोवास-8800 मशीन बिहार को उपलब्ध कराई जाए, जिससे प्रतिदिन जांच की संख्या 7200 और बढ़ जाएगी।

उन्होंने कहा, 10 लीटर अथवा अधिक की क्षमता वाले 5000 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटर की आपूर्ति की जाए, जिससे ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या जल्द बढ़ाई जा सके। केंद्र सरकार से आग्रह है कि 3000 हाई-लो नेजल कैनुला उपलब्ध कराई जाए, जिससे गंभीर लक्षण वाले मरीजों को भी ऑक्सीजन की उपलब्धता आसानी से हो सके। इससे मरीजों को 40-60 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हमलोगों का लक्ष्य है प्रतिदिन 1 लाख से अधिक जांच कराने की है। हम सभी लोगों की टेस्टिंग कराना चाहते हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनका बचाव किया जा सके। लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरुक किया जा रहा है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग अब मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।

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