भालू के हमले से महुआ बिनने गये पति-पत्नी घायल रेंजर ने मौके पर पहुंच कर घायल दम्पत्ति को कराया अस्पताल में भर्ती!
भालू के हमले से महुआ बिनने गये पति-पत्नी घायल रेंजर ने मौके पर पहुंच कर घायल दम्पत्ति को कराया अस्पताल में भर्ती!
डिजिटल डेस्क | बालाघाट उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता के अंतर्गत आने वाले कक्ष क्रमांक-1267 सालेई बीट मे 2 जुड़वा जंगली भालू ने आदिवासी बैगा दंपत्ति पर हमला कर घायल कर दिया। जो कि बडगा़ंव निव़ासी जीवन लाल एवं पत्नी श्रीमती सोमवती बतायी गई हैं। दम्पत्ति को दो भालूओं द्वारा हमल़ा कर घायल करने की सूचना मिलने पर परिक्षेत्र अधिकारी नरेश कुमार ककोड़िया अपने टीम लेकर घटना स्थल पहुंचे तथा दोनों घायलों को स्वास्थ्य केन्द्र परसवाड़ा मे भर्ती कराया गया। साथ ही नगद सहायतार्थ राशि एक-एक हजार रुपये भी दिए गये है। चिकित्सक से चर्चा कर दोनों दम्पत्ति के बेहतर उपचार करने हेतु आग्रह किया गया।
बताया गया है कि दोनों दंपत्ति जीवन लाल और श्रीमती सोमवती अन्य ग्रामीणों के साथ महुआ चुनने के लिए जंगल में आए हुए थे। सभी लोग सुबह के समय महुआ चुनने के लिये बीट क्रमांक 1267 में महुआ बिनने के कार्य कर रहे थे। इसी दौरान अचानक उन पर दो भालूओ ने हमला कर दिया और उन्हें घायल कर दिया। हालांकि अन्य साथी सहयोगियों ने बीच बचाव किया और भालू को वहां से भगाया। इस मामले की सूचना जैसे ही अन्य लोगों के माध्यम से वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेश कुमार ककोड़िया को प्राप्त हुई वे तत्काल सहयोगी स्टाफ के साथ जंगल में घटना स्थल पहुंचें। जहां पर घायल दम्पत्ति से भेंट की और उनके लिये पानी की व्यवस्था की गई।
साथ ही उन्हें अपने ही वाहन में बिठाकर परसवाड़ा अस्पताल पहुंचाया गया और उन्हें भर्ती कराया गया और सहयोग के तौर पर दम्पत्ति को एक-एक हजार कुल दो हजार रूपये की राशि प्रदाय की गई। इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेश कुमार ककोड़िया ने बताया कि आज 5 अप्रैल को महुआ बिनने के लिये ग्राम बड़गांव के कुछ ग्रामीण महिला-पुरूष महुआ फूल चुनने के लिये पहुंचें हुये थे। जब वह सालई बीट में महुआ चुन रहे थे तभी उन पर 2 भालूओं द्वारा हमला कर दिया। जिससे वे घायल हो गये। जिसकी सूचना गश्ती के दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री ककोड़िया को प्राप्त हुई।
तब वह मौके पर पहुंचें और घटना स्थल से घायल दम्पत्ति जीवनलाल और सोमवती बाई को परसवाड़ा अस्पताला लाया गया और भर्ती किया गया हैं। उन्होने बताया कि महुआ फूल बिनने के दौरान सावधानी की जरूरत हैं। क्योंकि कई बार वन्य प्राणी खासकर भालू महुआ फूल की गंध को लेकर आसपास पहुंच जाते हैं। जिससे वे ग्रामीणों पर हमला कर देते हैं। रेंजर ने बताया कि वनविभाग स्वास्थ्य परीक्षण अवधि तक का दवाओं का खर्च तथा 500-500 रूपये प्रति दिन की राशि भी. मुआवजा बतौर दोनों को देगा।