नकली खाद का मामला: ब्रांडेड उर्वरक कंपनियों की खाली प्रिंटेड बोरियां पीथमपुर से की जाती थीं सप्लाई
- धार, रतलाम, कटनी व जबलपुर से पांच आरोपी गिरफ्तार
- नकली डीएपी (खाद) के मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों के बीच वारासिवनी थाना पुलिस ने मंगलवार को तीसरी एफआईआर दर्ज की।
- पुलिस अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
डिजिटल डेस्क,बालाघाट। पूरे प्रदेश में फैले नकली खाद के कारोबार की कड़ी तलाश रही बालाघाट पुलिस दो सप्ताह की भागदौड़ के बाद उस शख्स तक पहुंच गई जो ब्रंाडेड उर्वरक कंपनियों की खाली प्रिंटेड बोरियां प्रदेश भर में सप्लाई करता था।
एसपी समीर सौरभ के अनुसार, पीथमपुर से संचालित इस गिरोह के तार बालाघाट सहित सिवनी, कटनी, जबलपुर, धार तथा रतलाम सहित प्रदेश के कई जिलों में फैले हुए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को कटनी से गिरफ्तार किए गए प्रवीण पिता अबीरचंद जैन से पूछताछ में यह सामने आया कि पीथमपुर (धार) का रहने वाला विपिन पिता कमलेश बैरागी मांग के अनुसार खाली प्रिंटेड बोरियां उपलब्ध कराता था।
ब्रांडेड उर्वरक कंपनियों की इन्हीं खाली बोरियों में सिंगल सुपर फास्फेट सहित अन्य दूसरी खाद भर कर इफ्को आदि कंपनियों की डीएपी के नाम पर बेची जाती थी। प्रवीण से मिले इनपुट के बाद पुलिस ने धार में दबिश दी और घाटाबिल्लौद से विपिन बैरागी और उसके साथी रामचंद पिता नानूराम चौहान को पीथमपुर (धार) से गिरफ्तार किया।
एसपी सौरभ ने बताया कि मिस ब्रांडिंग कर नकली खाद बेचे जाने के मामले में जबलपुर में ग्वारीघाट से मयंक पिता राजकुमार खत्री तथा रतलाम से सुदर्शन पिता कांतीलाल मालवी को भी गिरफ्तार किया है। इन सभी आरोपियों को बालाघाट लाया जा चुका है जहां इनसे पूछताछ चल रही है। दो सप्ताह पहले 9 जुलाई को सामने आए नकली खाद (डीएपी) के मामले में पुलिस अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मंगलवार को हुई तीसरी एफआईआर
नकली डीएपी (खाद) के मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों के बीच वारासिवनी थाना पुलिस ने मंगलवार को तीसरी एफआईआर दर्ज की। कृषि विभाग की शिकायत पर पुलिस ने एग्रीजोन कृषि केंद्र के रिटेलर पोमेंद्र कटरे व एक्सपर्ट स्टाफ रीता बोपचे का लाइसेंस निलंबित करते हुए एग्रीजोन कृषि केंद्र संचालक अजय कटरे पर दर्ज एफआई में नाम जोडऩे आवेदन दिया था। मंगलवार को कलेक्टर के निर्देश पर पोमेंद्र व रीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।