बालाघाट: नकली खाद का कारोबार पूरे प्रदेश में फैला
- सिवनी से जमील की गिरफ्तारी के बाद बालाघाट पुलिस ने जबलपुर व कटनी के साथ रतलाम और धार में दी दबिश, दो और गिरफ्तार
- ’रत्नम खाद’ इफ्को की बोरियों में पैक कर इफ्को डीएपी के ब्रांड नेम से सप्लाई की जा रही थी।
- बालाघाट पुलिस ने नकली खाद के मामले में जबलपुर तथा कटनी से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। मिस ब्रांडिंग कर नकली डीएपी (खाद) के कारोबार का कृषि महकमे के साथ भंडाफोड़ करने वाली बालाघाट पुलिस का जांच का दायरा प्रदेश के आधा दर्जन जिलों तक फैल गया है। जांच का दायरा तीन दिन पहले सिवनी से जमील अंसारी की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा है।
जमील और उससे पहले गिरफ्तार किए गए एग्रीजोन के संचालक अजय कटरे तथा सिद्धिविनायक कृषि केन्द्र के संचालक दीक्षांत जैतवार (दोनों वारासिवनी) से पूछताछ में मिले इनपुट पर बालाघाट पुलिस इंदौर के साथ महाकोशल के बड़े व्यापारिक केन्द्र जबलपुर तथा कटनी और मालवा के धार व रतलाम जा पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार रविवार-सोमवार दरम्यान बालाघाट पुलिस ने नकली खाद के मामले में जबलपुर तथा कटनी से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के साथ बालाघाट की पुलिस टीम मंगलवार को अपनी आमद दर्ज करा सकती है।
इनसे पहले 7 लोगों को गिरफ्तार कर रिमांड में ले चुकी वारासिवनी पुलिस का मानना है कि इन दोनों की गिरफ्तारी से उसे शहडोल संभाग सहित बुंदेलखंड के पन्ना व दमोह में फैले नकली खाद के इस बड़े सिंडिकेट की अगली कड़ी का पता लग सकता है।
इंदौर और उससे सटा देवास पहले से ही बालाघाट पुलिस के रडार पर है, क्योंकि पहले-पहल वारासिवनी के सिद्धिविनायक में दबिश के दौरान जो ‘रत्नम’ खाद पुलिस को मिली थी उसे देवास की बालाजी फॉस्फेट प्रा.लि. द्वारा सप्लाई किए जाने की बात सामने आई थी।
यहां ’रत्नम खाद’ इफ्को की बोरियों में पैक कर इफ्को डीएपी के ब्रांड नेम से सप्लाई की जा रही थी। इस कार्यवाही के अगले दिन वारासिवनी में ही एग्रोजोन के गोदाम और दुकान पर पड़े छापे में मिस ब्रांडिंग कर व्यापक पैमाने पर छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान की जुबिलेंट एग्री एंड कंज्यूमर प्रालि (चित्तौडग़ढ़) तथा परमालकसा राजनांदगांव से सुपर सिंगल फास्फेट मंगा कर इफ्को व भारत एनपीके सहित अन्य ब्रांडेड कंपनियों की बोरियों में भर कर व्यापक पैमाने पर नकली खाद (डीएपी) की सप्लाई किए जाने का मामला सामने आया था। इसी मामले में गिरफ्तार अजीत रमेश ने इंदौर से प्रिंटेड बोरियां मंगवाने की बात कही थी।
प्रदेश के कई जिलों से जुड़े तार
वारासिवनी एसडीओपी अभिषेक चौधरी के अनुसार, नकली डीएपी (खाद) के मामले में पुलिस दो अलग-अलग एफआईआर पर जांच कर रही है। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आरोपियों से रिमांड में हुई पूछताछ में कई जांच के अहम तथ्य सामने आए हैं, लिहाजा हमारा जांच का दायरा बढ़ गया है।उन्होंने कहा कि, इसमें कोई संदेह नहीं कि यह लंबी चेन है, जिसके तार प्रदेश के कई जिलों में फैले हैं। अभी कुछ बातों का इसलिए खुलासा नहीं किया जा रहा है क्योंकि कुछ बातें व नाम सामने आने से जांच पर असर पड़ सकता है।