रणनीति बनाकर पोलिंग बूथ को मजबूत करें
अमरावती रणनीति बनाकर पोलिंग बूथ को मजबूत करें
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मध्यप्रदेश में हम जहा सबसे अधिक वोट से विधानसभा जीतते हैं। वहां जीतकर आने के बाद हमने पोलिंग बूथ के आंकड़े मंगवाए की हम कहां जीते और हमें कहां कम वोट मिले। इसमें 208 पोलिंग बूथ में से 17 पर हम हारे। इसमें 12 मुस्लिम, 3 क्रिश्चियन और 2 से 3 दलित एरिया में स्थानीय नेता का प्रभाव होने से हमें कम वोट मिले। यदि हम रणनीति बनाकर पोलिंग बूथ को मजबूत करें तो जीतेंगे ही। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कही। वह बुधवार 1 मार्च को राजापेठ स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। वह बडनेरा में मां कनकेश्वरी की कथा सुनने के लिए अमरावती पहुंचे थे। कार्यक्रम में मंच पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे, भाजपा प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, निवेदिता, जयंत डेहनकर, दीपक खताडे, मंगेश खोंडे, गजानन देशमुख मंच पर उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि हम सब एक विचारधारा के हैं इसलिए एक परिवार हैं। इसकी विचार का जन्म 1925 में शुरु हुई थी। 10 लोगों ने जन संघ बनाई थी। कितनी पीढ़ी लगीं और कितने लोगों ने बलिदान दिया इसकी कल्पना करनी होगी। कितने लोगों ने बलिदान दिया ? यह समझना होगा। कई कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं, उससे ज्यादा लोगों ने प्रचारक बनने के घर छोड़ दिया। हमारी पार्टी की विचारधारा के पीछे त्याग, बलिदान और समर्पण है। उन्होंने कहा कि पहले नागपुर से अमरावती आने में साढ़े 4 घंटे लगते थे लेकिन अब दो घंटे लगे हैं। यह हमारे पार्टी के कार्यकर्ताओं को आम जनता को बताना होगा। मजे की बात यह है कि उन्होंने सामान्य वर्ग के लिए योजना का सवाल पूछा तो भाजपा कार्यकर्ता जन-धन योजना बताने लगे। इस पर उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के लिए फिर बाद में आयुष्मान भारत योजना आदि का नाम लोगों ने लिया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष नितिन ढहाके का जन्मदिन होने से उनका सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री बनें ऐसी शुभकामनाएं
शहराध्यक्ष पातुरकर ने कहा कि मैं आपको मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं देता हूं। आपके साथ मुझे करीब 10 वर्ष काम करने का मौका मिला। वह लोगों से जुड़े रहते हैं। इसलिए उनके यहां दरबार लगा रहता है। काम हो या न हो लेकिन वह उनके लिए प्रयास करते हैं।
...और लगने लगे ठहाके
मंच संचालन कर रहे गजानन देशमुख ने कहा कि से शहराध्यक्ष किरण पातुरकर सबका ध्यान रखते हैं। आज हम उनका स्वागत करेंगे। मंच के दायीं तरफ से छोटा गुलदस्ता जा रहा था तभी मंच के बायीं ओर बैठे जयंत डेहनकर ने एक बार पहले दिया जा चुका गुलदस्ता उठाकर दे दिया। इसे देकर सभी लोग हंसने लगे। मजे की बात यह है कि उसे एक बार पहले भी अतिथि को दिया था।