शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे एटापल्ली के छह गांव
बंद वॉटर फिल्टर मशीनें शुरू करने की मांग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे एटापल्ली के छह गांव
डिजिटल डेस्क, एटापल्ली (गड़चिरोली)। नगर पंचायत के गठन को 7 वर्ष पूरा होने के बाद भी अब तक नपं के तहत आने वाले 6 गांवों के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाया है। फलस्वरूप आज भी लोगों को अशुद्ध पानी पीना पड़ रहा है। ग्रापं कार्यकाल के दौरान ही शहर में पानी की 2 टंकियां बनायी गयीं। लेकिन इन टंकियों से नाममात्र लोगों के घराें तक ही जलापूर्ति हो रही है। जबकि नगर पंचायत द्वारा सभी शहर वासियों से पानी का टैक्स वसूला जाता है। उधर नगर पंचायत द्वारा शहर के विभिन्न चार स्थानों पर शुद्ध पेयजल के लिए लाखों रुपये से वॉटर फिल्टर आरंभ किये गये। लेकिन यह वॉटर फिल्टर भी हर आये दिन बंद रहने के कारण लोगों को शुद्ध पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। एटापल्ली नगर पंचायत के तहत एटापल्ली, एटापल्ली टोला, जीवनगट्टा, कृष्णार, मरपल्ली और वासामुंडी गांव का समावेश है। तत्कालीन ग्राम पंचायत के कार्यकाल में इन सभी गांवों के नागरिकों के लिए जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग द्वारा पानी की 2 टंकियां बनाई गईं। जैसे ही 7 वर्ष नगर पंचायत का गठन किया गया, जलापूर्ति योजना भी नपं के तहत प्रदान की गयी। लेकिन तभी से लोगों को शुद्ध पानी के लिए परेशानी हो रही है। ग्रापं कार्यकाल में ही नगर के सभी सभी घरों में जलापूर्ति पाइप लाइप बिछायी गयी है। लेकिन वर्तमान में शहर के नाममात्र 50 से 60 लोगों के घरों तक ही पानी पहुंच रहा है। इस संदर्भ में कई बार की शिकायतों के बावजूद नपं प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। जिसके कारण लोगों में असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व नगर पंचायत प्रशासन ने शहर वासियों को शुद्ध व ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने वॉटर फिल्टर के प्लान्ट आरंभ किये हंै। लाखों रुपए से शहर के विभिन्न 4 स्थानों पर वॉटर फिल्टर की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। लेकिन इनमें से अधिकांश मशीनंे बंद पड़ी रहती हंै। सभी 6 गांवों में ये मशीनें शुरू करने की मांग की जा रही है।