नियमों के दायरे में आएंगे प्ले स्कूल और बालवाड़ियां

बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर करने पर जोर    नियमों के दायरे में आएंगे प्ले स्कूल और बालवाड़ियां

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-26 10:09 GMT
नियमों के दायरे में आएंगे प्ले स्कूल और बालवाड़ियां

दुष्यंत मिश्र, मुंबई । प्ले स्कूलों के लिए राज्य सरकार नए नियम और कानून तैयार कर रही है। शिक्षा विभाग इसका प्रारूप बना रहा है। फिलहाल प्ले स्कूलों के बारे में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं होती। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को पहले तीन साल प्ले स्कूल से जोड़ा जाएगा। इसके  बाद पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। राज्य सरकार इसी के तहत नए नियम तैयार कर रही है। नियम लागू होने पर प्ले स्कूलों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकार और निजी संस्थाओं द्वारा चलाई जा रहीं बालवाड़ियां भी नए नियमों के दायरे में आएंगी। सरकार चाहती है कि प्राथमिक स्कूल में दाखिला से पहले ही बच्चों का आधार मजबूत हो जाए। इसलिए छोटे बच्चों की समझ बेहतर करने और उन्हें रोचक तरीके से चीजें सिखाने के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।

अभी कोई नियम नहीं
सभी प्ले स्कूलों और बालवाड़ियों को तैयार किए गए पाठ्यक्रम और नियमों का पालन करना होगा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम नहीं है। वहां बच्चे क्या और कैसे सीख रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। बालवाड़ियों में भी मुख्य जोर कम उम्र के बच्चों को पोषक आहार मुहैया कराने पर होता है। अब कोशिश है कि शारीरिक विकास से साथ बच्चों के बौद्धिक विकास पर भी जोर दिया जाए।

शिक्षा विभाग का नियंत्रण नहीं
प्ले स्कूलों और बालवाड़ियों पर शिक्षा विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है।  नियम लागू होने के बाद शिक्षा विभाग इनकी निगरानी करेगा। हाल ही में मुंबई के कांदिवली में दो शिक्षकों ने प्ले स्कूल के बच्चों की पिटाई की थी। वीडियो वायरल होने के बाद काफी विवाद हुआ था। मांग उठी कि प्ले स्कूलों की निगरानी कर ऐसे मामलों पर रोक लगाई जाए। 

खुश हैं अभिभावक 
सरकार की इस पहल से अभिभावक खुश हैं। मुंबई के चर्नी रोड इलाके में रहने वाली कविता गुप्ता अपने बेटे को प्ले स्कूल में भेजती हैं। उन्हें नहीं पता कि वहां वह क्या पढ़ता-सीखता है। उनका कहना है कि नियम-पाठ्यक्रम से हमारे जैसे तमाम अभिभावकों की चिंता का समाधान होगा।
 
बच्चों के भविष्य के साथ देश का भविष्य जुड़ा हुआ है। इसलिए प्राथमिक स्कूलों में दाखिल होने से पहले ही बच्चों को शारीरिक और मानसिक रुप से बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। प्ले स्कूलों और आंगनवाड़ियों के लिए पाठ्यक्रम और नियम बनाए जा रहे हैं। 
कैलास पगारे, परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान
 
स्कूलों में होगी खेती बाड़ी की पढ़ाई
राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में कृषि को भी जगह मिलेगी। कोशिश है कि पांचवीं से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में कृषि से जुड़ी जानकारी दी जाए। कृषि विभाग प्रशिक्षण के लिए लगने वाले उपकरण उपलब्ध कराएगा। स्कूली शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इससे जुड़ी प्राथमिक रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को यह रिपोर्ट सौंपी। मंत्री सत्तार ने बताया कि पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। सत्तार ने कहा कि बच्चों को कम उम्र से खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद विद्यार्थियों को खेती की अहमियत, व्यवसाय से जुड़े मौकों के बारे में पता चलेगा। कृषि मंत्री केसरकर ने बताया कि पाठ्यक्रम ऐसा तैयार किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों में कृषि को लेकर रुचि पैदा हो। 
 

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