हर दूसरे घर में वायरस का प्रकोप, सर्दी-खांसी और तेज बुखार से जूझ रहे पेशेंट - जिला अस्पताल और निजी क्लीनिक में लगी मरीजों की लम्बी कतार
मौसम की मार हर दूसरे घर में वायरस का प्रकोप, सर्दी-खांसी और तेज बुखार से जूझ रहे पेशेंट - जिला अस्पताल और निजी क्लीनिक में लगी मरीजों की लम्बी कतार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। दिन के वक्त धूप की तपिश और रात में ठंडक से मौसम में आ रहे बदलाव को शरीर का तापमान मेंटेन नहीं कर पा रहा है। इसका असर सर्दी-खांसी, गले में खरास, दर्द, इंफेक्शन के साथ तेज बुखार और शरीर में दर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिला अस्पताल में वायरल पेशेंट की लम्बी कतार देखी जा सकती है। इन दिनों हर दूसरे घर में वायरल के मरीज मिल रहे है।
मेडिकल कॉलेज में पदस्थ मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. दिनेश ठाकुर का कहना है कि इस बार वायरस पेशेंट को स्वस्थ होने में दस से पंद्रह दिन का वक्त लग रहा है। सबसे अधिक पेशेंट शरीर में कमजोरी की शिकायत लेकर अस्पताल आ रहे है। मेडिकल ओपीडी में रोजाना लगभग ढाई सौ पेशेंट वायरल का इलाज कराने आ रहे है। सामान्य दिनों की अपेक्षा 25 से 30 प्रतिशत ओपीडी बढ़ी है। मरीज को चिकित्सकीय सलाह से ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों का रखें विशेष ख्याल-
तापमान में तेजी से हो रहे बदलाव का असर सभी की सेहत पर पड़ रहा है। बच्चे और बुजुर्ग की इम्युनिटी कम होती है जिसकी वजह से वे मौसम में परिवर्तन होते ही बीमाारियों की चपेट में आ जाते है। वायरल से बचाव के लिए बुजुर्ग और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
शरीर में पानी की कमी की समस्या-
डॉ. दिनेश ठाकुर के मुताबिक वायरल से जूझ रहे कई मरीज पानी पीना कम कर देते है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी की समस्या बनती है। ऐसे में पेशेंट को भर्ती कर इलाज देना पड़ता है। पानी उबालकर जितना अधिक से अधिक हो मरीज को दें।
इस तरह के दिख रहे लक्षण-
- सर्दी-खांसी और तेज बुखार।
- गले में इंफेक्शन की समस्या।
- शरीर में थकावट की समस्या।
- शरीर में तेज दर्द की समस्या।
- लम्बे समय तक कफ बने रहना।
- आवाज में परिवर्तन आना।
इन बातों का रखें ध्यान-
- हल्के गुनगुने पानी से गरारे करें।
- अधिक से अधिक पानी पिएं।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
- ताजा और पोष्टिक भोजन करें।
- खुली खाद्य सामग्री का सेवन न करें।
- खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- चिकित्सकीय सलाह से ही दवा लें।
दिनांक ओपीडी
15 February 860
16 February 718
17 February 721
18 February 169
19 February 212
20 February 1124
21 February 952