राजनीति: एनडीए मस्त, महागठबंधन पस्त, राजद ध्वस्त हुआ नीरज कुमार

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीरज कुमार ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजों और बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणामों पर प्रतिक्रिया दी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-23 18:27 GMT

पटना, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीरज कुमार ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजों और बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणामों पर प्रतिक्रिया दी।

जदयू नेता ने कहा कि बिहार विधानसभा उपचुनाव में "एनडीए मस्त, महागठबंधन पस्त और राजद ध्वस्त हुआ है"। उन्होंने कहा कि "भ्रष्टाचार के राजकुमार" ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में यह कहना कि उनके अंदर कार्यक्षमता अब नहीं है, बिहार उनसे संभल नहीं रहा है। अब उनका खुद का सूपड़ा-साफ हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण का दावा किया जा रहा था। बेलागंज और रामगढ़ के चुनाव परिणाम का विश्लेषण कर लीजिए। अब तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद को कोई भी सामाजिक समूह बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। सेमीफाइनल में जैसे उनका सूपड़ा-साफ हुआ है, 2025 के लिए उनको क्लाइंट मिलना भी मुश्किल होगा।

प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पर तंज कसते हुए जदयू नेता ने कहा कि 2022 में अखबार में विज्ञापन देकर पार्टी के गठन की सूचना दी और कहा कि बिहार में शराबबंदी 15 मिनट में खत्म कर देंगे। हर जगह तंबू गाड़े थे और समुद्र मंथन से प्रत्याशी निकाले थे। नीतीश कुमार ने हाथ रखा था तो वह प्रशांत किशोर थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने हाथ हटाया, वह राजनीति के किशोर हो गए।

इससे पहले उन्होंने आईएएनएस से कहा था कि यह परिणाम बहुत अहम है। राष्ट्रीय जनता दल का जो कुनबा था, वह अपने सहयोगी दल का भी राजनीतिक अपमान करता है। पिछले 34 में 32 साल यहां से राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव विधायक रहे थे। "एक अबला महिला ने राजनीति का छनौटा दिया" और राजद चुनाव हार गया।

उन्होंने कहा था कि शाहाबाद का इलाका नक्सलवाद का शिकार रहा है। तरारी सीट पर 10 साल से भाकपा (माले) का कब्जा था, वह भी कब्जे से मुक्त हुआ। इमामगंज की सीट झारखंड की सीमा के पास की सीट है । उसे नक्सल आंदोलन की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार की उपयोगिता पर ऐसे लोग बोलते हैं, जो खुद सैलरी घोटाले के आरोपी हैं, जो दारू की कंपनी से इलेक्टोरल बांड लेकर चुनाव लड़ते हैं।

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