गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा पालकों से मात्र शिक्षण शुल्क ही लिया जाएगा: विद्यालय कोई शुल्क वृद्धि नहीं कर सकेंगे!
गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा पालकों से मात्र शिक्षण शुल्क ही लिया जाएगा: विद्यालय कोई शुल्क वृद्धि नहीं कर सकेंगे!
डिजिटल डेस्क | अनुपपुर वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा पालकों से मात्र शिक्षक शुल्क (ट्यूशन फीस) ही ली जा सकेगी एवं इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका पालन ना करने वाले विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर ने स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के अनुसार प्रदेश अंतर्गत संचालित समस्त गैर अनुदान प्राप्त शालाओं द्वारा न्यायालय द्वारा निर्देशित फीस से अधिक की फीस वसूली की स्थिति पाए जाने पर ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध प्रचलित नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त सीबीएसई, आईसीएसई, माध्यमिक शिक्षा मंडल तथा अन्य समस्त बोर्ड से सम्बद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को फीस संबंधी नियमों को शिथिल रखने के निर्देश दिये हैं। इन विद्यालयों से कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 की 30 जून तक जमा कर सकने वाले बकाया शुल्क के लिये कोई विलंब शुल्क नहीं लें। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये आगामी आदेश तक कोई शुल्क वृद्धि नहीं करें। पालकों को फीस की एकमुश्त अदायगी के लिये बाध्य नहीं करें। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार निजी विद्यालयों द्वारा पालकों की सुविधानुसार मासिक रूप से अथवा न्यूनतम 4 किश्तों में फीस ली जा सकेगी।
फीस जमा न किये जाने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम विद्यालय से नहीं काटा जायेगा। आर्थिक कठिनाइयों के कारण पालकों द्वारा आपदा अवधि में शुल्क को स्थगित किये जाने का अनुरोध किये जाने पर विद्यालय फीस स्थगित कर शुल्क को आगामी महीनों में किश्तों के आधार पर समायोजित करेंगे। निजी विद्यालयों द्वारा वर्तमान में ऑनलाइन अध्यापन गतिविधियाँ प्रारंभ की गई हैं अथवा वे ऐसी गतिविधियां प्रारंभ करना चाहें तो, वे ऐसी गतिविधियाँ जारी रख सकेंगे। इसके लिए अतिरिक्त फीस नहीं ली जायेगी। सभी निजी विद्यालय अपने शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टाफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान करेंगे। निजी विद्यालय किसी भी स्थिति में संबंधित बोर्ड की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को खरीदने के लिये पालकों को बाध्य नहीं करेंगे।
गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय सत्र 2020-21 की सभी कक्षाओं का बकाया शिक्षण शुल्क सत्र के अंत तक पालकों की सुविधा अनुसार एकमुश्त या किश्तों में ले सकेंगे। कक्षा 9वीं से 12वीं तक कि कक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। इन कक्षाओं के संबंध में संचालित की जाने वाली गतिविधियों के लिए भी जनवरी से सत्र के अंत तक फीस ली जा सकेगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर्स, संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।