Anuppur News: ओपीएम गैस लीक मामले में बड़ी और कड़ी कार्यवाही के मूड में नहीं प्रशासन
- इस बार भी निर्देशों तक सिमट कर रह जाएगी प्रशासन की कार्यवाही
- प्रशासन की कार्यवाही केवल दिशा-निर्देशों तक सिमट कर रह जाएगी।
- अलार्म सिस्टम तथा जंग लगे उपकरण बदलने पर जोर
Anuppur News: ओपीएम (ओरिएंट पेपर मिल) की सोडा फैक्ट्री में 21 सितंबर के हुए क्लोरीन गैस लीकेज के मामले में दो दिन की जांच और 6 दिन तक चले प्रतिवेदन, नियमावली और प्रबंधन के जवाब के परीक्षण के बाद संकेत मिले हैं कि, प्रशासन की कार्यवाही केवल दिशा-निर्देशों तक सिमट कर रह जाएगी।
कंपनी प्रबंधन की लापरवाही की बात प्रशासन व उसका जांच दल स्वीकार कर चुका है लेकिन इस लापरवाही की लिए किसी भी अधिकारी को न तो हादसे के लिए जिम्मेदार बताने के मूड में प्रशासन है और न ही जिम्मेदार को कोई सजा या दण्ड ही दिए जाने खाका तैयार किया गया है।
संकेत मिले हैं कि अवकाश पर चल रहे जांच दल के प्रमुख सीईओ जिला पंचायत तन्मय वशिष्ठ शर्मा के बुधवार को वापिस आते ही आदेश-निर्देश जारी होंगे।
अलार्म सिस्टम तथा जंग लगे उपकरण बदलने पर जोर- सूत्रों के मुताबिक जांच दल द्वारा कलेक्टर द्वारा तय किए गए 11 बिंदुओं की जांच में ओपीएम के सोडा फैक्ट्री प्रबंधन की खामियां व लापरवाही सामने आई थी। जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में सोडा फैक्ट्री में जंग लगे उपकरण, विंड कंपास नहीं होने तथा अलार्म सिस्टम भी पुराना पाया था।
इस सबको बदलवाने के निर्देशों के साथ श्रमिक व जनसुरक्षा के मद्देनजर फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान करने, फैक्ट्री के आसपास निवासरत लोगों को प्रशिक्षण के साथ आपातकाल में सुरक्षा के लिए गैस मास्क के वितरण, डिस्पेंसरी में चिकित्सकों की नियुक्ति कर उसे हर परिस्थिति में इलाज उपलब्ध कराने सक्षम बनाने की बात भी ओपीएम प्रबंधन से कही जाएगी। सीएसआर की समीक्षा की जाएगी।